अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में इजरायली म्यूजियम के बाहर बुधवार (21 मई) को गोलीबारी हुई, जिसमें दो इजरायलियों की मौत हो गई। ये दोनों इजरायली दूतावास में काम करते थे। इस घटना के मुख्य संदिग्ध की पहचान कर ली गई है। संदिग्ध की पहचान इलियास रोड्रिगेज (30) के रूप में की गई है, जो शिकागो का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि इजराइली दूतावास के दो कर्मचारियों, जिसमें से एक पुरुष और एक महिला थी, की बुधवार देर रात वाशिंगटन डीसी में कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर एक बंदूकधारी ने गोली मारकर हत्या कर दी और ‘फिलिस्तीन को आजाद करो’ के नारे लगाए।
क्या कहा पुलिस ने?
पुलिस ने बताया कि रोड्रिगेज का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन हमले से पहले उसे घटनास्थल के बाहर टहलते हुए देखा गया था। बताया जा रहा है कि पीड़ित एक कपल थे, जो जल्दी ही सगाई करने वाले थे और उनकी शादी की भी प्लानिंग चल रही थी। दोनों संग्रहालय में आयोजित एक यहूदी कार्यक्रम से बाहर निकल रहे थे, तभी रोड्रिगेज 4 लोगों के एक समूह के पास पहुंचा और नजदीक से उन पर गोलियां चला दीं। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार , वाशिंगटन पुलिस प्रमुख पामेला स्मिथ ने कहा कि संदिग्ध को शूटिंग से ठीक पहले यहूदी म्यूजियम के बाहर देखा गया था और घटना के तुरंत बाद ही उसे हिरासत में ले लिया गया। हिरासत में लिए जाने के बाद उसने ‘फ्री फिलिस्तीन, फ्री फिलिस्तीन’ के नारे लगाए। उसके पास से एक हथियार भी बरामद किया गया है। फिलहाल इस बात की जांच चल रही है कि आखिर इलियास ने इजरायली दूतावास के दो स्टाफ का बेरहमी से कत्ल क्यों किया?
वहीं, इजरायली दूतावास ने दोनों की मौत की पुष्टि की है। दूतावास के प्रवक्ता ताल नैम कोहेन ने कहा, ‘एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान हमारे दो कर्मचारियों की नजदीक से गोली मार हत्या कर दी गई।’
Elias Rodriguez from Chicago is the murderer and of course when he was arrested he shouted “Free Palestine”
---विज्ञापन---This is how the terrorist was filmed – moments after he murdered the Israeli embassy employees.
Palestinianism is a death cult.
Remember, the entire purpose of “free… pic.twitter.com/UXr5wTNee5— Cheryl E 🇮🇱🇮🇱🇮🇱🎗️ (@CherylWroteIt) May 22, 2025
अमेरिकी सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
इस हत्या से अमेरिकी सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इजरायली दूतावास के स्टाफ पर हमला बेहद पॉश इलाके में हुआ है। यहूदी म्यूजियम से कुछ ही दूरी पर एफबीआई का कार्यालय है और अमेरिकी अटॉर्नी का ऑफिस भी पास में ही है। वॉशिंगटन डीसी में गोलीबारी से पहले, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने इलियास रोड्रिगेज को कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर आगे-पीछे घूमते देखा था। पुलिस ने बताया कि इसके बाद वह 4 लोगों के समूह के पास पहुंचा और उनमें से दो को बहुत नजदीक से गोली मार दी। इसके बाद रोड्रिगेज ने कथित तौर पर संग्रहालय में प्रवेश किया, पहले तो उसने खुद को पीड़ित बताया और फिर दूसरों से पुलिस को फोन करने को कहा। जब अधिकारी पहुंचे तो रोड्रिगेज ने अपने हाथ ऊपर उठाए और कहा, ‘मैंने यह किया है’ और घोषणा की कि वह निहत्था है। इसके बाद उन्होंने लाल केफियेह (पारंपरिक मध्य पूर्वी दुपट्टा) निकाला और ‘फिलिस्तीन को आजाद करो’ का नारा लगाना शुरू कर दिया। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस द्वारा इमारत से बाहर घसीटे जाने के बावजूद भी वह नारे लगाता रहा। बाद में वह पुलिस को उस स्थान पर ले गया जहां उसने अपना हथियार फेंका था।
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू क्या बोले?
फिलहाल वॉशिंगटन पुलिस यही मान कर चल रही है कि यहूदियों से नफरत में इस घटना को अंजाम दिया गया है और यह टारगेट किलिंग है। इस बीच इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि हम खून का बदला खून से लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने दुनिया भर के देशों से अपील की है कि वे अपने यहां इजरायली दूतावासों और उनके कर्मचारियों की सुरक्षा में इजाफा करें ताकि उन पर वॉशिंगटन जैसा जानलेवा हमला न हो सके। अब तक हमास समेत किसी भी संगठन ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी नहीं ली है।
कौन है इलियास रोड्रिगेज ?
इजरायली म्यूजियम के बाहर फायरिंग का मुख्य संदिग्ध इलियास रोड्रिगेज 30 वर्षीय शिकागो निवासी है। रिपोर्टों के अनुसार , उसे पार्टी फॉर सोशलिज्म एंड लिबरेशन (पीएसएल) का कार्यकर्ता और ब्लैक लाइव्स मैटर (बीएलएम) आंदोलन में शामिल होने के लिए जाना जाता है। 2017 में रोड्रिगेज ने तत्कालीन शिकागो मेयर रहम इमैनुएल के निवास के बाहर एक विरोध-प्रदर्शन में भाग लिया था, जिसे पीपुल्स कांग्रेस ऑफ रेसिस्टेंस, एएनएसडब्ल्यूईआर शिकागो और ब्लैक लाइव्स मैटर वूमेन ऑफ फेथ सहित अन्य समूहों द्वारा आयोजित किया गया था। प्रदर्शन शिकागो पुलिस द्वारा लाक्वान मैकडोनाल्ड की हत्या की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था। इस दौरान रोड्रिगेज ने तर्क दिया था कि शहर द्वारा अमेजन मुख्यालय की स्थापना की मांग और पुलिस द्वारा हत्या, दोनों ही एक दूसरे से जुड़े हुए मुद्दे हैं। साथ ही रोड्रिगेज ने प्रणालीगत नस्लवाद और आर्थिक असमानता के बारे में बात की थी।
बता दें कि लाक्वान मैकडोनाल्ड एक 17 वर्षीय अश्वेत किशोर था, जिसे 20 अक्टूबर 2014 को शिकागो के एक पुलिस अधिकारी जेसन वैन डाइक ने 16 बार गोली मारी थी। यह घटना अमेरिका में पुलिस की बर्बरता के सबसे चर्चित मामलों में से एक बन गई थी और देश भर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए थे।