US Birthright Citizenship Explainer: अमेरिका के न्यू हैम्पशायर स्टेट की संघीय अदालत ने ट्रंप के जन्मसिद्ध नागरिकता वाले आदेश पर रोक लगा दी है। अमेरिकी जिला जज जोसेफ एन. लाप्लांटे ने जन्मसिद्ध नागरिकता को लेकर जारी किए गए ट्रंप के कार्यकारी आदेश को तुरंत प्रभाव से रोकने का आदेश दिया है। आदेश को बच्चों के अधिकारों के खिलाफ बताते हुए रोक लगाई गई है। न्यू हैम्पशायर से पहले मैरीलैंड की फेडरल जज डेबोरा बोर्डमैन भी फरवरी 2025 में ट्रंप के आदेश पर अस्थायी रोक लगा चुकी हैं।
वहीं अब न्यू हैम्पशायर के जज ने ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर रोक लगाने संबंधी आदेश लागू करते हुए कहा कि ट्रंप सरकार को संघीय अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का अधिकार है और इसलिए नागरिकता वाले आदेश पर रोक 7 दिन तक रहेगी। बता दें कि ट्रंप के आदेश के खिलाफ अमेरिकी सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU), अन्य संगठनों, एक गर्भवती महिला, 2 बच्चों के माता-पिता और उनके अमेरिका में जन्मे बच्चों ने दायर की है।
A US federal judge has blocked the Trump regime from enforcing an illegal executive order ending birthright citizenship.
---विज्ञापन---The judge said the policy, would have made children effectively stateless. Stripping people of their citizenship and making them stateless is illegal under… pic.twitter.com/gUw2ghdieS
— Anonymous (@YourAnonCentral) July 10, 2025
क्या है जन्मसिद्ध नागरिकता कानून?
20 जनवरी 2025 को अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करते ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया कि अवैध प्रवास और अस्थायी वीजा पर आए लोगों के अमेरिका में जन्मे बच्चों को अमेरिका की नागरिकता नहीं मिलेगी। ट्रंप के कार्यकारी आदेश ‘प्रोटेक्टिंग द मीनिंग एंड वैल्यू ऑफ अमेरिकन सिटिजनशिप’ का मकसद ही अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता को सीमित करना है। ट्रंप का आदेश लागू होने के बाद अवैध प्रवासियों या अस्थायी वीजा धारकों (जैसे H-1B, H-4, F-1, या टूरिस्ट वीजा) के बच्चों को जन्म के आधार पर अमेरिका की नागरिकता नहीं मिलेगी। यह आदेश 20 फरवरी 2025 के बाद जन्मे सभी बच्चों पर भी लागू होगा। ट्रंप के आदेश की खिलाफ 22 डेमोक्रेटिक राज्य और कई मानवाधिकार संगठन कर रहे हैं, वहीं 18 रिपब्लिकन राज्य आदेश के समर्थन में हैं।
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क्यों दी गई है आदेश को चुनौती?
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के जन्मसिद्ध नागरिकता वाले आदेश को अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन का उल्लंघन बताया गया है। 14वें संशोधन के अनुसार, अगर कोई बच्चा अमेरिका में जन्मा है तो वह पैदा होते ही अमेरिका का नागरिक बन जाता है। चाहे उसके माता-पिता किसी भी दूसरे देश आकर अमेरिका में बसे हों, लेकिन ट्रंप इस आदेश का समर्थन देते हुए तक देते हैं कि 14वां संशोधन अवैध प्रवासियों या अस्थायी वीजा धारकों के बच्चों पर लागू नहीं होना चाहिए। 14वें संशोधन के अनुसार नागरिकता मिलने पर अवैध प्रवास को बढ़ावा मिलता है, जो देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है। ट्रंप के आदेश को 14वें संशोधन का उल्लंघन और असंवैधानिक करार देते हुए संघीय अदालत में चुनौती दी गई है। जन्मसिद्ध नागरिकता के आदेश के खिलाफ दायर केस क्लास-एक्शन के तहत लड़ा गया है, जो आदेश से प्रभावित बच्चों के अधिकारों की रक्षा करता है।
ट्रंप के आदेश का क्या प्रभाव पड़ेगा?
जन्मसिद्ध नागरिकता के खिलाफ ट्रंप का कार्यकारी आदेश अमेरिका में बसे करीब 1.3 करोड़ अप्रवासियों को प्रभावित करेगा। यह आदेश लागू होने के बाद ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे भारतीयों के लिए भी कई मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
ट्रंप के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का रुख क्या?
ट्रंप के आदेश को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जून 2025 में एक फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि निचली अदालतें ट्रंप के आदेश पर रोक लगाकर फैसले को पूरे देश में लागू नहीं कर सकतीं। निचली अदालतों को रोक लगाने के आदेश पर पुनर्विचार करने को भी कहा गया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में आदेश को लेकर अंतिम फैसला लंबित है। वहीं निचली अदालतों के फैसलों के कारण जन्मसिद्ध नागरिकता से जुड़ा आदेश अमेरिका में पूरी तरह से लागू नहीं हुआ है।