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सजा-ए-मौत के खिलाफ शेख हसीना के पास क्या हैं कानूनी विकल्प? UN-ICC निभा सकते हैं अहम भूमिका

Sheikh Hasina Death Penalty: शेख हसीना सजा-ए-मौत के खिलाफ अपील कर सकती हैं और वे किसी दूसरे देश में शरण भी ले सकती हैं. वे भारत से शरण मांग सकती हैं. इसके अलावा शेख हसीना अपर कोर्ट में अपील कर सकती हैं. यूनाइटेड नेशन्स या इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में भी सजा को चुनौती दे सकती हैं.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Nov 18, 2025 11:06
sheikh hasina
शेख हसीना की सरकार के खिलाफ बांग्लादेश के छात्रों ने आंदोलन छेड़ा था.

Sheikh Hasina Death Penalty Update: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सजा-ए-मौत और उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. बांग्लादेश की ही इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने शेख हसीना को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ का दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई और सजा भी उस दिन सुनाई गई, जिस दिन शेख हसीना की शादी की सालगिरह थी. शेख हसीना 15 महीने से भारत में हैं और दिल्ली में एक सेफ हाउस में रह रही हैं. शेख हसीना को 2 मामलों में सजा-ए-मौत दी गई है और 3 मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

2 और दोषियों को सुनाई गई सजा

शेख हसीना के अलावा बांग्लादेश के पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान को भी 12 लोगों की हत्या का दोषी करार देकर सजा-ए-मौत दी गई. पूर्व IGP अब्दुल्ला अल-ममून को 5 साल जेल की सजा मिल है और उन्हें यह राहत इसलिए मिली है, क्योंकि वे सरकारी गवाह बन गए थे. ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना समेत तीनों दोषियों को 3 दिन में गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. तीनों की प्रॉपर्टी जब्त करने का आदेश भी दिया है. वहीं सजा होने के बाद शेख हसीना ने कहा कि जिंदगी अल्लाह ने दी है और वही उसे लेगा. मैं जिंदा हूं और जिंदा रहूंगी.

इन 5 केसों में हुईं हैं दोनों सजा

शेख हसीना को निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या करने के लिए सेना और पुलिस को उकसाने के साथ-साथ हत्या करने का आदेश देने के लिए मौत की सजा दी गई है. शेख हसीना पर आरोप थे कि उसने हत्याएं की, हत्या करने की कोशिश की और यातनाएं दीं. अपनी पार्टी आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को भी प्रदर्शनकारियों का दमन करने के लिए उकसाया.

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निहत्थे छात्र प्रदर्शनकारियों का दमन करने के लिए घातक हथियारों, हेलिकॉप्टर और ड्रोन से बमबारी करने का आदेश दिया. हसीना और उसकी पार्टी ने पुलिस के साथ मिलकर हत्याएं करने की साजिश रची. मारे गए प्रदर्शनकारियों के शवों को जलाया और एक शख्स को जिंदा भी जला दिया गया था. 1400 लोगों की मौत की वजह सीधे तौर पर शेख हसीना है.

शेख हसीना के पास हैं ये विकल्प

शेख हसीना के पास सजा-ए-मौत के खिलाप अपील करने के लिए कई कानूनी और राजनीतिक विकल्प हैं. शेख हसीना सजा के खिलाफ बांग्लादेश की ऊपरी अदालत में अपील कर सकती हैं, इसके लिए उनके पास 30 दिन का समय है. वे ट्रिब्यूनल के ट्रायल के रिव्यू और उनके खिलाफ पेश किए सबूतों की जांच की मांग कर सकती हैं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों या कानूनी संस्थाओं में ट्रिब्यूलन के खिलाफ शिकायत कर सकती हैं. ट्रिब्यूनल पर फेयर ट्रायल और निष्पक्ष जांच के लिए दबाव बनवा सकती हैं.

उपरोक्त विकल्पों के अलावा शेख हसीना के पास शरण लेने का विकल्प भी है. शेख हसीना ने बांग्लादेश में अपनी जान को खतरा बताया और भारत आ गईं. अब वे भारत में जान को खतरा बताक र दूसरे सदेश से पनाह मांग सकती हैं. उनकी पार्टी अवामी लीग इंटरनेशनल लेवल पर शेख हसीना का पक्ष रखकर बांग्लादेश के ट्रिब्यूनल पर सवाल उठा सकते हैं और सजा को स्थगित करने का दबाव बना सकते हैं. बांग्लादेश की यूनुस सरकार पर इंटरनेशनल प्रेशर डलवाकर समझौता करने के लिए मजबूर कर सकते हैं.

क्या हो सकती है UN-ICC की भूमिका?

बता दें कि शेख हसीना मामले में संयुक्त राष्ट्र और इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट भी अहम भूमिका निभा सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र सजा को कैंसिल नहीं कर सकता है, लेकिन सजा सुनाते हुए किए गए मानवाधिकार उल्लंघन की जांच करवा सकता है. ट्रिब्यूनल के ट्रायल और मामले की जांच की वैधता पर सवाल उठा सकता है. शेख हसीना के केस को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में रेफर कर सकता है. शेख हसीना सीधे भी इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील कर सकती हैं.

First published on: Nov 18, 2025 10:29 AM

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