Nepal Gen Z protest: नेपाल के कुछ हिस्सों में युवा प्रदर्शनकारियों और पुरानी रूलिंग पार्टी के लोगों के बीच एक बार फिर से झड़प हुई. जिसके बाद वहां फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है. हिंसक झड़प के दौरान लगभग 6 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
वहीं, नेपाल के बारा जिले में लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है, जहां Gen Z के सदस्यों की पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (CPN-UML) के समर्थकों से झड़प हुई थी. जिला प्रशासन ने कहा, ‘व्यवस्था ठीक करने की जरूरत का हवाला देते हुए गुरुवार रात 8 बजे (लोकल टाइम) तक कर्फ्यू लागू रहेगा.’
बुधवार को हालात तब बिगड़ गए जब युवा प्रदर्शनकारियों और CPN-UML कार्यकर्ताओं ने बारा जिले के सिमारा इलाके में रैलियां कीं. जल्द ही, दोनों ग्रुप के बीच हाथापाई शुरू हो गई और कुछ लोगों ने एयरपोर्ट के पास भी लड़ाई की, जिसके बाद अधिकारियों को कर्फ्यू लगाना पड़ा.
कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है- नेपाल पुलिस
नेपाल पुलिस के प्रवक्ता अबी नारायण काफले ने न्यूज एजेंसी AFP को बताया, ‘हालात नॉर्मल हैं… कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है.’ इस बीच, नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने शांति की अपील की और सभी पार्टियों से “अनचाहे राजनीतिक उकसावे से बचने” और 5 मार्च, 2026 को होने वाले चुनावों से पहले लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भरोसा करने की बात कहा.
कार्की ने बुधवार देर रात जारी एक बयान में कहा, ‘मैंने गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों को शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बहुत संयम और तैयारी के साथ काम करने का निर्देश दिया है.’
उन्होंने कहा कि वह ‘सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करना चाहती हैं और चुनावों के लिए निष्पक्ष और डर-मुक्त माहौल बनाना चाहती हैं.’ कार्की ने बुधवार को 110 से ज़्यादा पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ एक मीटिंग भी की. उन्होंने मीटिंग में कहा, ‘हम चाहते हैं कि यह देश नई पीढ़ी के हाथों में हो और इसे विजन वाले लोग मैनेज करें.’
नेपाल का Gen Z प्रोटेस्ट
बता दें कि नेपाल में कई जगहों पर 8 और 9 सितंबर को हुए प्रदर्शनों में कम से कम 76 लोगों की मौत हुई थी. ये प्रदर्शन सोशल मीडिया पर सरकार के कुछ समय के बैन के कारण हुए थे.
सितंबर में हुए प्रदर्शन पिछली सरकार के सोशल मीडिया बैन की वजह से शुरू हुए थे, लेकिन सालों की आर्थिक मंदी और फैले हुए भ्रष्टाचार के बाद गुस्सा और भी गहरा गया है. प्रोटेस्ट के दौरान 4 बार के प्रधानमंत्री 73 साल के ओली को हटाने से पहले संसद, कोर्ट और सरकारी ऑफिस में आग लगा दी गई थी. पूर्व चीफ जस्टिस कार्की, जो खुद भी 73 साल की हैं, को हिमालयी देश में चुनाव कराने के लिए अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया था.
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यूएमएल क्या है?
यूएमएल यानी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) नेपाल की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक है. यह पार्टी वामपंथी विचारधारा पर आधारित है और लंबे समय तक नेपाल की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है. पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली इसी पार्टी के शीर्ष नेता हैं. यूएमएल खुद को राष्ट्रीयता, स्थिरता और विकास का पक्षधर बताती है, लेकिन हाल के वर्षों में इसकी नीतियों और नेतृत्व को लेकर युवाओं खासकर Gen-Z-के बीच असंतोष बढ़ा है, जिसके चलते कई बार विरोध प्रदर्शन भड़कते रहे हैं.










