Turkey Bhookamp News: जूली, रोमियो, हनी और रेम्बो तुर्की में रेस्क्यू अभियान में भारत से गई NDRF टीम की मदद कर रहे हैं। दरअसल, जूली, रोमियो, हनी और रेम्बो उन चार सदस्यीय डॉग स्क्वायड में शामिल हैं, जिन्हें रेस्क्यू के लिए NDRF की टीम के साथ तुर्की भेजा गया है।
बता दें कि NDRF की 101 सदस्यों वाली टीम भूकंप प्रभावित तुर्की में बचाव कार्यों में जुटी हुई है। डॉग स्क्वॉड को तुर्की भेजे जाने के मकसद के बारे में बताया जा रहा है कि लैब्राडोर नस्ल के ये चारों डॉग्स काफी अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। ये चारों आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के दौरान सूंघने और अन्य महत्वपूर्ण कौशल में भी माहिर हैं।
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दो बार में तुर्की भेजी गई है एनडीआरएफ की टीम
तुर्की में विनाशकारी भूकंप के बाद मंगलवार को NDRF की दो अलग-अलग टीमों को राहत और बचाव कार्य के लिए भेजा गया है। पहली टीम में 51 सदस्य जबकि दूसरी टीम में 50 सदस्य हैं। NDRF के महानिदेशक अतुल करवाल ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि डॉग स्क्वायड और 101 टीम के सदस्य हर तरह से सभी आवश्यक अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हैं।
अधिकारी ने कहा कि NDRF की टीम तुर्की के स्थानीय अधिकारियों को जरूरत के मुताबिक राहत और बचाव कार्यों में मदद कर रही है। NDRF की टुकड़ी का नेतृत्व कमांडेंट गुरमिंदर सिंह कर रहे हैं। साथ ही आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए डॉक्टर और पैरामेडिक्स भी हैं।
रेस्क्यू के लिए विश्व स्तर पर जानी जाती है एनडीआरएफ
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार भूकंप से निपटने के लिए तुर्की सरकार को इस संकट की स्थिति में सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि आपदा के बाद राहत कार्यों के लिए NDRF विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। NDRF की टीम ने 2011 में जापान की ट्रिपल आपदा और 2015 में नेपाल भूकंप में भी राहत बचाव कार्यों में जुटी थी।
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बता दें कि 2006 में एनडीआरएफ का गठन किया गया था। NDRF की टीम को पहली बार 2011 में जापान में एक अंतरराष्ट्रीय बचाव अभियान के लिए भेजा गया था। इसके बाद 2015 में नेपाल भूकंप के दौरान भी टीम को राहत बचाव कार्य के लिए भेजा गया था। अब एक बार फिर एनडीआरएफ की टीम को भूकंप प्रभावित तुर्की की मदद करने का काम सौंपा गया है।