Trump Tarrif Latest Update: अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसे लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। भारत ने पेनल्टी के तौर पर लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ का विरोध किया है और रूस से तेल-रक्षा उपकरण खरीद जारी रखने का ऐलान किया है। रूस ने भी भारत को उसकी प्रतिबद्धता का तोहफा आयात पर 5 प्रतिशत की छूट देकर दिया है। इस बीच भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने रूस के साथ व्यापार बढ़ाने पर जोर देते हुए रूस की कंपनियों से खास अपील की है।
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भारतीय बाजार के लिए कंपनियों को किया आमंत्रित
विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस की कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है। रूस की कंपनियों को संदेश देते हुए उन्होंने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और ‘मेक इन इंडिया’, आत्मनिर्भर भारत जैसे विकासशील कदमों का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों विचारधारा के कारण ही भारत में विदेशी कंपनियों के लिए दरवाजे खुले हैं। रूस ही नहीं अन्य देशों की कंपनियों का भी निमंत्रण स्वीकार है, जो भारतीय बाजार में एंट्री करना चाहती हैं और बिजनेस करना चाहती है।
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भविष्य में GDP 7 प्रतिशत होने की संभावना जताई
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत की वर्तमान GDP 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा है। निकट भविष्य में GDP 7% की दर तक पहुंच सकती है। इसके लिए भारत को भरोसेमंद बिजनेस पार्टनर्स और उनके संसाधनों की जरूरत पउ़ेगी। उत्पादों, उर्वरक, रसायनों और मशीनरी की जरूरत पड़ेगी। इसमें रूस सबसे बड़ा सहयोगी बन सकता है। चीन ने भी भारत को उर्वरक, दुर्लभ मिट्टी और मशीनरी की सप्लाई फिर से देने का वादा किया है। चीन के साथ भारत के संबंध अब सुधर रहे हैं और रूस से संबंधों को भारत और मजबूत करना चाहता है।
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भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार पर बोले विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और रूस ने अपने रिश्ते को मजबूत किया है, लेकिन अभी दोनों के बीच सीमित व्यापार हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों में द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि हुई है, लेकिन व्यापार घाटा भी बढ़ा है। फिर भी दोनों देशों के लिए द्विपक्षीय व्यापार में विविधता और संतुलन बनाए रखना जरूरी है, इसके लिए भारत की ओर से ज्यादा कठोर प्रयास किए जाने की भी जरूरत है। जयशंकर ने विकास को बढ़ावा देने के लिए रूस से सहयोग पर जोर दिया। ज्यादा निवेश, जॉइंट इंडस्ट्रीज और परस्पर सहयोग पर रूस के साथ मिलकर विचार करने की इच्छा भी सरकार की ओर से व्यक्त की।