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क्या है ‘Five Eyes’ Alliance का क्या ताल्लुक है कनाडा में मारे गए आतंकी निज्जर के साथ? कौन क्या कह रहा…

The Five Eyes in India-Canada Row, नई दिल्ली: खालिस्तान के मुद्दे, खासकर मारे जा चुके आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर कनाडा के साथ बढ़ती भारत की तल्खी के बीच इन दिनों एक गठबंधन खासा चर्चा में है। नाम है फाइव आइज एलायंस (Five Eyes’ Alliance)। हर कोई जानना चाहता है कि यह क्या है, इस […]

Edited By : Balraj Singh | Updated: Sep 24, 2023 21:13
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The Five Eyes in India-Canada Row, नई दिल्ली: खालिस्तान के मुद्दे, खासकर मारे जा चुके आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर कनाडा के साथ बढ़ती भारत की तल्खी के बीच इन दिनों एक गठबंधन खासा चर्चा में है। नाम है फाइव आइज एलायंस (Five Eyes’ Alliance)। हर कोई जानना चाहता है कि यह क्या है, इस गठबंधन का मकसद क्या है, आतंकी निज्जर के साथ इसका क्या ताल्लुक है और भारत को इससे क्या फायदा होगा? इन्हीं सब सवालों का जवाब हम देने जा रहे हैं। आइए जानें फाइव आइज एलायंस के बारे में सबकुछ…

  • यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड स्टेटस ऑफ अमेरिका ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा की खुफिया एजेंसियों का एक समूह है ‘फाइव आइज’ एलायंस

बता देना जरूरी है कि हाल ही में राजधानी दिल्ली में जी20 सम्मेलन (G20 Summit) से कुछ वक्त पहले एक संगठन ने कनाडा में भारत मूल के आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मसला उठाया था। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा की खुफिया एजेंसियां शामिल हैं। इसी संगठन को फाइव आइज इंटेलिजेंस एलायंस के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना 1941 में हुई थी। बाद दूसरा विश्व युद्ध जीने के बाद 1946 में यूनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेटस ऑफ अमेरिका ने आपसी समझौते (UK-USA) को एक औपचारिक रूप दिया। लगभग 10 साल के अंतराल में दो बार के विस्तार के बाद 1956 में इसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा भी शामिल हो गए।

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‘फाइव आइज’ का उद्देश्य-व्यापक स्तर खुफिया जानकारी शेयर करना

जहां तक पांच देशों की खुफिया एजेंसियों के गठबंधन ‘फाइव आइज इंटेलिजेंस एलायंस’ के उद्देश्य की बात है, इसके भागीदार देश एक-दूसरे के साथ व्यापक स्तर पर खुफिया जानकारी साझा करते हैं। साथ ही मानवाधिकार के नजरिये से भी एक-दूसरे की मदद करते हैं।

भारत के लिए भी पास हो चुका है प्रस्ताव

अब बीबीसी में छपी एक खबर पर गौर करें तो सितंबर 2021 में अमेरिकी संसद की डेलीगेट मीटिंग में ‘फाइव आइज’ पैक्ट का दायरा बढ़ा, इसमें भारत को भी शामिल करने के प्रस्ताव के साथ एक नया ड्राफ्ट पेश किया गया था। हालांकि इस नेटवर्क में भारत के अलावा दक्षिण कोरिया, जापान और जर्मनी के भी नाम शामिल थे। जाहिर है, अब अगर भारत इसका हिस्सा बना तो दूसरे देशों से जुड़ी खुफिया जानकारी हासिल हो सकेगी, जो विदेश नीति को मजबूत करेगा।

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निज्जर के ताजा मसले को लेकर कौन क्या कह रहा?

  • फाइव आइज एलायंस के हालिया पांच में से एक सदस्य देश कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर को अपनी संसद में कहा कि कनाडा में जून में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की हत्या भारत सरकार के एजेंटों ने कराई है।
  • कनाडा में मौजूद एक अमेरिकी राजनयिक डेविड कोहेन ने भी इस बात की पुष्टि की है कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाले ‘फाइव आइज’ सहयोगियों के साथ खुफिया जानकारी साझा की गई थी, जिसके आधार पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप ट्रूडो ने भारत पर लगाया था। हालांकि भारत इस आरोप का खंडन कर चुका है।
  • दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के प्रवक्ता जॉन किर्बी CNN को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘हम इसकी जांच के लिए कनाडा के प्रयासों का समर्थन करते हैं। हम भारत को इसमें सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं’।
  • इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा था, ‘हम अपने सहयोगियों के साथ इन घटनाओं की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और हम ऐसा करना जारी रखेंगे। हमने इन मुद्दों को अपने भारतीय समकक्षों के साथ उठाया है, जैसा कि आप हमसे अपेक्षा करेंगे’।

First published on: Sep 24, 2023 07:50 PM

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