Thailand Cambodia Conflict Update: थाईलैंड और कंबोडिया में छिड़े सीमा विवाद को 4 दिन हो गए हैं और अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों में सीजफायर करने के लिए आगे आए हैं। उन्होंने दावा किया है कि वे दोनों देशों के नेताओं से बात करा चुके हैं और दोनों देश युद्धविराम (सीजफायर) के लिए बातचीत करने को तैयार हैं। वहीं राष्ट्रपति ट्रंप के दावे पर थाईलैंड की प्रतिक्रिया सामने आ चुकी है, लेकिन दोनों देशों की सीमा पर फायरिंग जारी है।
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क्या दावा किया है राष्ट्रपति ट्रंप ने?
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कई पोस्ट लिखीं, जिनमें उन्होंने कहा कि वे कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट और थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायचाई से बात कर चुके हैं। उन्होंने दोनों नेताओं को चेतावनी दी कि अगर सीजफायर नहीं किया तो अमेरिका दोनों देशों के साथ कोई ट्रेड डील नहीं करेगा।
राष्ट्रपति ट्रंप ने पोस्ट में यह भी लिखा कि थाईलैंड और कंबोडिया दोनों पक्ष तत्काल युद्धविराम और शांति के लिए बात करने की इच्छा रखते हैं। दोनों देश अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता भी करना चाहते हैं, लेकिन यह तब तक संभव नहीं हैं, जब तक उनका आपसी संघर्ष खत्म नहीं होता। अगर दोनों देश सीजफायर कर लेते हैं तो वे उनके साथ ट्रेड करने को तैयार हैं।
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ट्रंप के ऑफर पर क्या बोला थाईलैंड?
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम ने मामले में अमेरिकन प्रेसिडेंट ट्रंप के हस्तक्षेप की सराहना की है। उन्होंने कहा कि थाईलैंड सैद्धांतिक रूप से कंबोडिया के साथ युद्धविराम के लिए सहमत है, लेकिन उन्होंने कंबोडिया की ओर से ईमानदारी बरते जाने की मांग की है। थाईलैंड ने इस मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता के जरिए हल करने की इच्छा जताई और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले को अब मान्यता देने से इनकार किया।
वहीं कंबोडिया ने थाईलैंड पर जानबूझकर, बिना उकसावे वाली कार्रवाई और गैर-कानूनी तरीके से सैन्य हमला करने का आरोप लगाया है। कंबोडिया ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से थाईलैंड के आक्रामक रवैये की निंदा करने की मांग की। कंबोडिया ने पहले मलेशिया द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम को स्वीकार किया था, लेकिन थाईलैंड ने मलेशिया के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। वहीं कंबोडिया ने अमेरिकन प्रेसिडेंट ट्रंप के ऑफर पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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थाईलैंड और कंबोडिया में क्यों छिड़ा विवाद?
बता दें कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 817 किलोमीटर लंबी सीमा पर बने प्राचीन हिंदू मंदिर प्रिय विहार और ता मोआन थोम के स्वामित्व को लेकर दशकों से विवाद चल रहा है। यह विवाद 1907 में बनाए गए नक्शों से शुरू हुआ, जिसमें मंदिर को कंबोडिया के क्षेत्र में दिखाया गया है, लेकिन थाईलैंड इस पर दावा करता है और कहता है कि मंदिर और आसपास का क्षेत्र थाईलैंड का हिस्सा था।
ताजा विवाद की शुरुआत मई 2025 में कंबोडियाई सैनिक की मौत और थाई सैनिकों के बारूदी सुरंगों में विस्फोट से घायल होने के बाद हुई। दोनों देशों ने एक दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाया है। मई से जुलाई 2025 के बीच हुए संघर्ष में कम से कम 33 लोग मारे गए हैं, जिनमें से थाईलैंड में 20 और कंबोडिया में 13 लोगों की मौत हुई है। वहीं 130000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।