भारत के सफल ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कम से कम नौ बड़े आतंकी ठिकाने तबाह होने के बाद, अब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिद्दीन (HM) ने अब अपने अड्डे खैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांत में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. सूत्रों और उपलब्ध वीडियो से यह साफ हुआ है कि पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की सीधी मदद से यह प्रक्रिया चल रही है.
मानसेहरा में JeM की रैली
KPK के मानसेहरा जिले के गढ़ी हबीबुल्लाह कस्बे में 14 सितंबर को JeM ने एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया. इस रैली को एक धार्मिक सभा के नाम पर आयोजित किया गया, लेकिन इस रैली का असल मकसद आतंकियों की भी भर्ती कराना था. इस रैली में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई. यहां JeM के टॉप कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी उर्फ अबू मोहम्मद ने युवाओं को संबोधित किया. कश्मीरी ने अपने भाषण में ओसामा बिन लादेन को “इस्लाम का शहीद” और “अरब का राजकुमार” बताया था. उसने यह भी कहा कि भारतीय हमले में बहावलपुर स्थित मरकज सुब्हान अल्लाह में मारे गए मसूद अजहर के परिवार की मौत ने पाकिस्तानी सेना और सरकार को “जिहाद का साझेदार” बना दिया है.
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कैंप में दिया जा रहा प्रशिक्षण
सूत्रों के अनुसार JeM मानसेहरा में अपने पुराने कैंप मरकज शोहदा-ए-इस्लाम का विस्तार कर रहा है और भर्ती की गई नई खेप को भी वहीं प्रशिक्षण दे रहा है. JeM अब खुद को “अल-मुराबितून” नाम से भी पेश कर रहा है, ताकि उस पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचा जा सके. इसी दौरान हिजबुल मुजाहिद्दीन ने भी KPK के लोअर दिर जिले के बंडाई इलाके में नया कैंप तैयार करना शुरू कर दिया है. इस कैंप का नाम “HM 313” रखा गया है. इसे पूर्व पाकिस्तानी कमांडो खालिद खान संचालित कर रहा है. “313” नाम का संबंध इस्लामी इतिहास की बदर की लड़ाई और अल-कायदा की ब्रिगेड 313 से हैज.
आतंकी अब KPK को मान रहे सुरक्षित ठिकाना
आतंकियों की यह नई रणनीति भारत के लिए एक खतरा हो सकती है. PoK पर भारतीय सेना के सटीक हमलों के बाद आतंकी अब KPK को सुरक्षित ठिकाना मान रहे हैं, क्योंकि यह इलाका अफगान सीमा से जुड़ा है और वहां पहले से ही कई जिहादी नेटवर्क सक्रिय हैं। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में JeM और HM, KPK को अपना “रियर कमांड जोन” बनाकर PoK को “फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस” के तौर पर इस्तेमाल करेंगे.
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