Seoul Halloween Stampede: सियोल के इटावन क्षेत्र में हुई हैलोवीन भगदड़ में मरने वालों की संख्या अब 149 हो गई है और कई के गंभीर रूप से घायल होने की आशंका है। घटना की जांच की जा रही है। उधर, सुबह घटनास्थल की भयानक तस्वीरें सामने आई हैं। घटनास्थल पर भगदड़ के बाद किसी तरह की स्थिति पैदा हुई होंगी, इसका अंदाजा सड़क पर फैली चीजों को देखकर लगाया जा सकता है।
मृतकों में 19 विदेशी भी शामिल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भगदड़ा में ईरान, उज्बेकिस्तान, चीन और नॉर्वे के 19 विदेशियों समेत 149 लोग मारे गए हैं, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में ज्यादातर युवा हैं। साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।
बता दें कि साउथ कोरिया की राजधानी सियोल के इटावन में तीन साल बाद शनिवार की रात हैलोवीन फेस्टिवल का आयोजन किया गया था। जश्न के माहौल के बीच अचानक भगदड़ मच गई। भगदड़ की स्थिति से बचने के लिए मौजूद भीड़ एक संकरी गली से निकलने की कोशिश करने लगी। इसी दौरान लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे।
अमेरिका बोला- किसी भी तरह की सहायता देने को तैयार
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने शनिवार को कहा कि सियोल में मची भगदड़ की खबरें दिल दहला देने वाली हैं और वाशिंगटन कोरिया गणराज्य को ऐसे महत्वपूर्ण समय में किसी भी तरह की मदद देने के लिए तैयार है।
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने ट्विटर पर यह टिप्पणी करते हुए घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा व्यक्त की। सुलिवन ने ट्विटर पर लिखा, “हम उन सभी के बारे में सोच रहे हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की उम्मीद कर रहे हैं।”
कब सामने आया हैलोवीन शब्द
पहले समझते हैं हैलोवीन शब्द को। बता दें कि हैलोवीन शब्द 19वीं शताब्दी के दशक में अस्तित्व में आया। यूरोप के कई देशों में सेल्टिक लोग रहते थे। उनके पवित्र त्योहार समहेन से इस शब्द की उत्पत्ति हुई। सेल्टिक लोगों का मानना था कि 31 अक्टूबर की रात को जीवित लोगों और आत्माओं की दुनिया के बीच की रेखा धुंधली हो जाती है।
बुरी आत्माएं पृथ्वी पर आती हैं, इसलिए इन अपवित्र आत्माओं को भगाने के लिए हैलोवीन को मनाना शुरू किया गया था। इस दिन लोग भूतिया कपड़े पहन कर आग के साथ जश्न मनाते थे, ताकि बुरी आत्माएं पृथ्वी से चली जाएं।
अगले दिन देवताओं के लिए मनाते हैं उत्सव
वहीं कुछ पश्चिमी देशों की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हैलोवीन के अगले दिन यानी 1 नवंबर को ऑल सेंट डे मनाया जाता है। 8वीं शताब्दी में पोप ग्रेगरी III के मुताबिक पृथ्वी से भूत और बुरी आत्माएं भाग गई थीं, इसलिए देवताओं के आने का उत्सव मनाया जाता था। लिहाजा हैलोवीन को ऑल हैलोज ईव के नाम से भी जाना जाता है।
खासकर इन देशों में मनाया जाता है हैलोवीन
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह त्योहार मुख्य रूप से आयरलैंड गणराज्य, आयरलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, प्युर्तोरिको, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में मनाया जाता था। इसके पीछे मान्यता यह भी है कि इस समय इन देशों में फसलों के पकने का समय होता है। साथ ही सर्दियों की शुरुआत होती है। हालांकि धीरे-धीरे इन देशों में हैलोवीन का मकसद और महत्व बदलता चला गया।
अब सिर्फ शनिवार-रविवार की छुट्टी का मनान है हैलोवीन
द हिस्ट्री चैनल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्ष 1920 और 30 के दशक तक हैलोवीन अपने अर्थ को खो चुका था। यह अब समुदाय आधारित जश्न में बदल चुका था। रिपोर्ट में कहा गया था कि धार्मिक सिद्धांतों का उल्लंघन हो गया था। वहीं हाल की कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अब हैलोवीन अब शनिवार-रविवार की छुट्टी मनाने का एक मौका बनकर रह गया है।