Monster Solar Flare Ready To Hit Earth: धरती पर ब्रह्मांड में होने वाली घटनाओं का असर एक बार फिर होने वाला है। दरअसल, धरती पर एक खतरा मंडरा रहा है। एक सौर तूफान बहुत तेज स्पीड से धरती की ओर बढ़ रहा है। 17 दिसंबर को इसके धरती से टकराने की आशंका है, जिससे दुनिया में कई जगहों पर तबाही मच सकती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को ही सूर्य में एक विस्फोट हुआ, जिसे सोलर फ्लेयर कहते हैं। इसके असर से अमेरिका में संचास सेवाएं ठप हो गई हैं। शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट हो गया। हैम रेडियो ऑपरेटरों पर भी काफी असर पड़ा, जिससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
Today’s X2.8-class solar flare is the most intense solar flare since September 10, 2017 (2,295 days ago).
Credit: NASA/Solar Dynamics Observatory, 131 Angstroms pic.twitter.com/UY3aOifH2C— Space Weather Watch (@spacewxwatch) December 14, 2023
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2025 तक सूर्य में लगातार होते रहेंगे विस्फोट
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) की रिपोर्ट के अनुसार, सूर्य अपने 11 साल लंबे सौर चक्र से गुजर रहा है। इसके चलते सूर्य में कोरोनल मास इजेक्शन (CME) और सोलर फ्लेयर (Solar Flare) हो रहे हैं, जो 2025 तक होते रहेंगे। सितंबर 2017 के बाद सूर्य में आज तक का सबसे बड़ा सोलर फ्लेयर (Solar Flare) दिखा। 3514 नामक सनस्पॉट से गुरुवार को X2.8 कैटेगरी का ब्लास्ट हुआ, जिससे पैदा हुआ सौर तूफान धरती की ओर बढ़ रहा है। इस सौर तूफान के कारण 15 या 16 दिसंबर को धरती पर भू-चुंबकीय तूफान आ सकते हैं। 17 दिसंबर को इसके कारण धरती पर उथल-पुथल मच सकती है।
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क्या होते हैं कोरोनल मास इजेक्शन (CME)?
कोरोनल मास इजेक्शन (CME) सौर प्लाज्मा के बादल होते हैं, जो सौर विस्फोट के बाद अंतरिक्ष में सूर्य की मैग्नेटिक फील्ड में फैल जाते हैं। यह बादल अंतरिक्ष में घूमते रहते हैं। यह जितना घूमते हैं, उतना इनका विस्तार होता है। घूमते-घूमते यह बादल कई लाख मील की दूरी तय कर लेते हैं। घूमने के दौरान यह बादल ग्रहों की मैग्नेटिक फील्ड से टकरा जाते हैं। ऐसे में जब इनकी साइड धरती की ओर होती है तो यह जियो मैग्नेटिक उथल-पुथल मचाते हैं। इनके कारण सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो जाता है। पावर ग्रिड प्रभावित होते हैं। इनके कारण अंतरिक्ष यात्रियों की जान भी खतरे में पड़ सकती है।