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शेख हसीना ने रखी बांग्लादेश वापस लौटने की शर्त, बोलीं- मुझे सत्ता की चाह नहीं, लेकिन…

Sheikh Hasina: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की पूर्व मुख्यमंत्री शेख हसीना इन दिनों दिल्ली में एक गुप्त स्थान पर रह रही हैं. बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद दिल्ली में रह रहीं शेख हसीना ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपने दिल की बात शेयर करते हुए कहा कि वो अपने वतन बांग्लादेश […]

Author Written By: Akarsh Shukla Updated: Nov 18, 2025 10:11

Sheikh Hasina: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की पूर्व मुख्यमंत्री शेख हसीना इन दिनों दिल्ली में एक गुप्त स्थान पर रह रही हैं. बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद दिल्ली में रह रहीं शेख हसीना ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपने दिल की बात शेयर करते हुए कहा कि वो अपने वतन बांग्लादेश लौटना चाहती हैं. उन्होंने अपने देश में जारी अस्थिरता, ‘चरमपंथ-समर्थित शासन’ और अपनी पार्टी आवामी लीग पर लगे प्रतिबंध को लेकर गंभीर आरोप लगाए. बांग्लादेश की चार बार प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना अपने देश से निकालने जाने के बाद दिल्ली में रहने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने दावा किया कि आवामी लीग के बिना उनके देश में न्यापूर्ण चुनाव असंभव है.

लाखों लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार छीनने जैसा…


इंडिया टुडे को दिए एक बयान में शेख हसीना ने कहा कि उनकी पार्टी आवामी लीग को चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखना लोकतांत्रिक सिद्धांतों का उल्लंघन है. शेख हसीना ने कहा, ‘आवामी लीग के बिना कोई भी चुनाव वैध नहीं हो सकता, ये चुनाव असंवैधानिक ढांचे के तहत कराए जा रहे हैं. जिस आवामी लीग को जनता ने 9 बार चुना, उसे चुनाव लड़ने से रोकना बांग्लादेश में रह रही लाखों जनता के लोकतांत्रिक अधिकार छीनने जैसा है’. उन्होंने आगे कहा कि आवामी लीग चाहे सरकार में हो या विपक्ष में उसे ऐसे दरकिनार नहीं किया जा सकता. देश की भलाई इसी में है कि आवामी लीग पर लगे प्रतिबंध को वापस लिया जाना चाहिए.

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मुझे सत्ता की चाह नहीं…


पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना से जब वतन वापसी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मेरे वतन के प्रति मेरी प्रतिबद्धता अटूट है और मैंने बांग्लादेश को बेहतर बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. वह समर्पण आज भी उतना ही मजबूत है. मेरे देश लौटने की शर्त यही है कि वहां लोकतंत्र की बहाली हो, निष्पक्ष और सभी की भागीदारी वाला चुनाव हो जिसमें आवामी लीग को फिर से शामिल किया जाए. मुझे सत्ता की चाह नहीं है, ये कभी मेरे परिवार के बारे में नहीं रहा. बांग्लादेशियों को अधिकार है कि वो अपने प्रतिनिधियों को चुनने के लिए मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करें. मेरा उद्देश्य नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है, चाहे वो राजनीतिक रूप से हो या धार्मिक तौर पर.’

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First published on: Nov 15, 2025 05:29 PM

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