Second World War: अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में डीडे की 80वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। तीन पूर्व सेना अधिकारियों को इस मौके पर कांग्रेसनल गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। यह यूएस कांग्रेस का सर्वश्रेष्ठ सम्मान माना जाता है। इस जंग में मित्र देशों की सेनाओं (यूएस, कनाडा, यूके) ने फ्रांस को आजाद करवाने के लिए जंग शुरू की थी। नॉरमैंडी के समुद्र तटों से जोरदार हमला किया गया था। नाजियों को धोखा देने के लिए हॉलीवुड शैली वाली घोस्ट आर्मी ने जाल बुना था। 100 वर्षीय सेमोर नुसेनबाम, बर्नार्ड ब्लूस्टीन और 99 वर्षीय जॉन क्रिस्टमैन के अनुसार यह पल उनके लिए बहुत दुर्लभ है।
The group of artists who recruited by the US Army during WWII with the mission to fool the Nazis in thinking the US Army was larger than it actually was.
---विज्ञापन---They would become known as the “Ghost Army”.pic.twitter.com/N7sIJD8Et6
— Massimo (@Rainmaker1973) June 5, 2024
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ऑपरेशन से जुड़े 4 लोग नहीं आ सके कार्यक्रम में
वे बताते हैं कि कैसे उन्होंने 1944 और 1945 में हजारों लोगों की जान बचाई। तीनों दिग्गजों ने बताया कि अग्रिम पंक्ति में सेना भेजने के लिए जर्मनी को गुमराह किया गया। एडॉल्फ हिटलर के आतंक को खत्म करना उनका मकसद था। इंग्लैंड के साउथ में रणनीति के तहत हिटलर को बेवकूफ बनाया गया। मित्र देशों की फौज डीडे के समुद्र तट पर उतरने के लिए चैनल पार करने की तैयारी में थी। इस ऑपरेशन को सफल करने वाले सिर्फ चार लोग ही अब जिंदा बचे हैं। जो कार्यक्रम में नहीं आ सके।
राष्ट्रपति बाइडेन ने इन लोगों को सम्मानित करने का ऐलान 2022 में किया था। व्हीलचेयर पर बैठे ब्लूस्टीन ने कहा कि ये पल उनके लिए गर्व का है। कला स्कूलों और जनसंपर्क फर्मों से 1300 लोगों को भर्ती किया गया था। जिसके बाद इन लोगों को 23वें मुख्यालय की विशेष सैनिक इकाई का हिस्सा बनाया गया। 200 लोग इसमें इटली की 3133वीं सिग्नल कंपनी का हिस्सा थे। इन लोगों ने जर्मनी को भ्रमित करने के लिए 20 से अधिक ऑपरेशन चलाए थे। जीपों पर नकली नंबर लगाए गए। लोगों को अमेरिकी जनरलों की तरह कपड़े पहनाकर जर्मन जासूसों को बरगलाया गया।
On this anniversary of the #DDay, a tip of the hat to the artists who played a role in its success in the now-declassified Ghost Army:https://t.co/46Pw7W8ueq
— Richard Gaskin (@FourthWorldSys) June 6, 2024
घोस्ट आर्मी के कारण बची 30 हजार लोगों की जान
नकली टैंकों और तोपों के जरिए सेना के आकार की गलत जानकारी देकर भ्रम फैलाया गया। एक मिशन में जर्मनी को फर्जी सूचना दी गई कि मित्र देशों के 40 हजार सैनिक राइन नदी को पार करेंगे। भूत सेना ने इसके लिए नकली यानी रबर के हवा भरे टैंकों और ट्रकों का यूज किया। आवाज को लाउडस्पीकरों के जरिए पहुंचाया गया। ताकि जर्मनी को वास्तविक लगे। ब्लूस्टीन के अनुसार जर्मनी ने इन पर हवाई हमले किए। 1945 में ऑपरेशन विएर्सन नामक अभियान ने नाजी जर्मनी को सिर्फ 6 सप्ताह बाद आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था। घोस्ट आर्मी के कारण लगभग 15 से 30 हजार लोगों की जान बची।