सऊदी अरब ने बैंक ऑफ अमेरिका के एक ब्रिटिश विश्लेषक, अहमद अल-डौश को एक पुराने ट्वीट के लिए 10 साल की सजा दी है। अहमद अल-डौश 41 साल के हैं और उनके चार बच्चे हैं। उन्हें यह सजा 2018 में किए गए एक ट्वीट के कारण दी गई। सऊदी अधिकारियों का कहना है कि यह ट्वीट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा था, इसलिए उन्होंने इसे हटा दिया। हालांकि अहमद के परिवार का कहना है कि उन्होंने कभी सऊदी अरब के बारे में ट्वीट नहीं किया। वे अक्सर सूडान की राजनीति पर टिप्पणी करते थे और यही कारण था कि उन्हें गिरफ्तार किया गया।
अहमद की गिरफ्तारी और उनके परिवार की स्थिति
अहमद को 31 अगस्त 2024 को रियाद के किंग खालिद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था, जब वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ यूके लौटने की तैयारी कर रहे थे। उनकी पत्नी और परिवार के सदस्य बिना उन्हें लिए यूके लौट गए और अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें एक उच्च सुरक्षा वाली जेल में रखा गया और 33 दिन तक एकांत कारावास में रखा गया। उन्हें बिना आरोप के लंबी अवधि तक हिरासत में रखा गया और उनके परिवार से कोई संपर्क नहीं था। बाद में नवंबर में वह अदालत में पेश हुए और उन्हें कांसुलर मुलाकात की अनुमति दी गई।
A British dad has been jailed for 10 years in Saudi Arabia over a deleted tweet on his account with only 37 followers.
Ahmed al-Doush, a senior business analyst with Bank of America, was jailed in the Middle Eastern country on August 31, 2024, whilst holidaying with his family. pic.twitter.com/wiFYxgrSRc
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अहमद के अधिकारों का उल्लंघन हुआ
अहमद के परिवार ने आरोप लगाया कि उनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। उनका कहना है कि उन्हें बिना वकील के पूछताछ की गई और बिना आरोप के लंबी अवधि तक हिरासत में रखा गया। उनके वकील का कहना है कि सऊदी अरब में उनके मामले की सुनवाई और उनकी सजा का तरीका अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार मानकों के खिलाफ है। इसके अलावा यह भी स्पष्ट नहीं है कि किस ट्वीट के आधार पर उन्हें दोषी ठहराया गया है, जो इस मामले को और भी संदिग्ध बनाता है।
अहमद की पत्नी की अपील
अहमद की पत्नी, नूर ने ब्रिटिश सरकार से अपने पति को रिहा कराने के लिए कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस गिरफ्तारी के कारण उनके परिवार पर बहुत दबाव पड़ा है। Amnesty International और Sanad Human Rights Organisation ने भी इस मामले में चिंता व्यक्त की है और अहमद की तत्काल रिहाई की मांग की है। Amnesty International UK के मुख्य कार्यकारी साचा देशमुख ने सऊदी अरब से अहमद को बिना शर्त रिहा करने की अपील की और ब्रिटिश सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।