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जेलेंस्की की बढ़ी टेंशन, रूस के खिलाफ जंग बीच में छोड़कर भागे एक लाख सैनिक! जानें वजह

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन में पिछले 3 साल से भीषण जंग चल रही है। दोनों देशों को अग्रिम मोर्चों पर सैनिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन को लेकर अब चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इससे राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की की टेंशन बढ़ गई है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Dec 2, 2024 18:48
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Russia Ukraine War

World Latest News: यूक्रेन और रूस के बीच पिछले 3 साल से भीषण जंग चल रही है। यूक्रेन को कई मोर्चों पर रूस बड़े झटके दे रहा है। यूक्रेनी ठिकानों पर रूस लगातार मिसाइलें दाग रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यूक्रेन इस बात को लेकर भी चिंतित है कि कहीं वे वित्तीय और सैन्य मदद में कटौती न कर दें। इस बीच एक बड़ी जानकारी मिली है, जिसके बाद जेलेंस्की की टेंशन बढ़ना लाजिमी है। एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जंग के बीच यूक्रेन के 60 हजार फौजी भाग गए हैं। 2022 और 2023 में इससे आधे सैनिकों के भागने की जानकारी मिली थी। कुल मिलाकर एक लाख से अधिक जवान मोर्चा छोड़ चुके हैं।

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Financial Times की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले दो सालों में जितने फौजी भागे हैं, उससे दोगुने फौजी इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच मैदान-ए-जंग छोड़ चुके हैं। तीन साल से जंग चल रही है। Associated Press ने भी यूक्रेन के महाभियोक्ता कार्यालय (Prosecutor Generals Office) के हवाले से चौंकाने वाला दावा किया है। जिसमें बताया गया है कि यूक्रेन के सैनिक रूसी हमलों के डर से जंग से भाग गए हैं।

बता दें कि इस साल की शुरुआत से ही रूस ने पूर्वी यूक्रेन के इलाकों पर लगातार दबदबा बना रखा है। लगातार मिसाइल हमले जारी हैं। पूर्वी डोनेटस्क तक रूस की फौज कब्जा कर चुकी है। रूस ने अगदीवका पर भी कब्जा करने का दावा किया है। जिसे सामरिक रूप से यूक्रेन के लिए अहम माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक रूस की रणनीति निप्रापेट्रोव्स्क (Dnepropetrovsk) पर कब्जा करने की है। यह इलाका डोनेटस्क की सीमा से सटा हुआ है।

अमेरिका ने यूक्रेन को दी ये सलाह

रूस को भी जवानों की कमी का सामना अहम मोर्चों पर करना पड़ रहा है। लड़ाई के लिए उसने उत्तर कोरिया से किराए के फौजी मंगवा रखे हैं। यूक्रेन की हालत रूस के अधिक खराब है। यूक्रेन में अप्रैल में सेना की भर्ती निकाली गई थी। जिसमें आवेदकों की उम्र 27 साल से घटाकर 25 साल कर दी थी। अमेरिका का मानना है कि यूक्रेन को अपने सैनिकों की कमी पूरी करने के लिए भर्ती होने की न्यूनतम उम्र 18 साल से कम कर देनी चाहिए। एपी की रिपोर्ट में यूक्रेन की 72वीं ब्रिगेड के एक सैन्य अफसर के बयान का हवाला दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि रूसी हमलों के कारण वुहलदार शहर खंडहर में बदल चुका है। यहां से बड़ी तादाद में सैनिक मोर्चा छोड़कर भाग चुके हैं। इस इलाके से लाखों लोग पलायन कर चुके हैं।

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Dec 02, 2024 06:48 PM

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