Russia Ukraine Istanbul talks: रूस और यूक्रेन के बीच सात सप्ताह के बाद तुर्किये के इस्तांबुल में भारतीय समयानुसार देर रात मीटिंग हुई। इस दौरान सीजफायर को लेकर कोई बात नहीं बनी लेकिन युद्धबंदियों की अदलाबदली पर सहमति बन गई। यूक्रेन की ओर से आए प्रतिनिधिमंडल ने सीजफायर पर अपनी बात की लेकिन रूस की शर्तों के कारण उस पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद दोनों देशों के बीच सात सप्ताह के बाद हुई बैठक एक घंटे में ही खत्म हो गई।
अमेरिका वसूलेगा हथियारों के पैसे
उधर अमेरिका ने भी यूक्रेन को हथियार देने की बात कही है ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार इसे स्वीकार किया है। हालांकि ट्रंप ने साफ कर दिया कि वह हर हथियार का पैसा लेगा। यह पैसा यूक्रेन के यूरोपीय सहयोगी चुकाएंगे। ये यूरोपीय देश है वो है जो 2022 में यूक्रेन की मदद के लिए तैयार हुए थे। हालांकि उस समय अमेरिका इन देशों का प्रतिनिधित्व कर रहा था लेकिन अब अमेरिका सीजफायर कराना चाहता है लेकिन रूस की शर्तों के कारण फिलहाल यह संभव नहीं हो पाया है।
पहले भी दो बार हुई थी बैठक
बता दें कि इससे पहले भी दोनों देशों के बीच 16 मई और 2 जून को दो दौर की वार्ता हुई थी। इन बैठकों में हजारों युद्धबंदियों और मारे गए सैनिकों के शवों का आदान-प्रदान हुआ था। इस दौरान युद्ध की समाप्ति को लेकर कोई खास बातचीत नहीं हुई। पिछले सप्ताह ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर 50 दिनों में कोई समझौता नहीं हुआ तो रूस और उसका तेल खरीदने वाले देशों पर नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
ये भी पढ़ेंः दाऊदी बोहरा कम्युनिटी कौन है? पीएम मोदी को बताते हैं अपना दोस्त, राजनीति में इनका कितना प्रभाव
इसलिए हुआ युद्ध
गौरतलब है कि यूक्रेन अमेरिका के नेतृत्व वाले संगठन नाटो में शामिल होना चाहता था जोकि रूस के राष्ट्रपति पुतिन को नागवार गुजरा। इसके बाद रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। इसके बाद यूक्रेन ने भी यूरोपियन यूनियन के सहयोग से रूस को जवाब दिया लेकिन आज यूक्रेन पूरी तरह तबाह हो चुका है। ऐसे में अब सीजफायर ही अंतिम विकल्प है लेकिन रूस की शर्तों के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।
ये भी पढ़ेंः Free Trade Agreement: क्या है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट? ब्रिटेन के साथ समझौते से भारत को कैसे होगा फायदा