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रूस ने भारत से कच्चे तेल के लिए चीनी मुद्रा ‘युआन’ में मांगा पेमेंट, तो भारत सरकार ने दिया बड़ा झटका

Russia Asked India Payment Crude Oil Chinese Currency Yuan: अमेरिका के खिलाफ चीन और रूस की लामबंदी दुनिया से छिपी नहीं है। दोनों देश अमेरिका के खिलाफ साथ आ रहे हैं।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Oct 21, 2023 09:01
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Russia Asked India Payment Crude Oil Chinese Currency Yuan
Russia Asked India Payment Crude Oil Chinese Currency Yuan

Russia Asked India Payment Crude Oil Chinese Currency Yuan: अमेरिका के खिलाफ चीन और रूस की लामबंदी दुनिया से छिपी नहीं है। दोनों देश अमेरिका के खिलाफ साथ आ रहे हैं। पिछले महीने भारत में हुई जी-20 समिट के लिए रूस के राष्ट्रपति पुतिन भारत नहीं आए थे लेकिन समिट के कुछ दिनों बाद वे चीन पहुंचे थे। रूस और चीन की परवान चढ़ती दोस्ती के बीच भारत की चिंताएं बढ़ गई है। यूक्रेन- रशिया युद्ध के दौरान जब रशिया की अर्थव्यवस्था डूबने के कगार पर थी तो भारत ने दोस्ती निभाते हुए रशिया को जरूरी सामान का निर्यात किया था। रूस ने भी भारत को कच्चे तेल का निर्यात किया था। इस बीच अब खबर यह है कि भारत को कच्चा तेल बेच रहा रूस अब चीनी मुद्रा में पेमेंट की मांग कर रहा है।

भारत ने दिया झटका

रूसी तेल सप्लायर्स की मांग को मोदी सरकार ने खारिज करते हुए रूस को बड़ा झटका दिया है। इसके पीछे बड़ी वजह भारत-चीन के बीच चल रहा सीमा विवाद है। बातचीत में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ रूसी तेल सप्लायर्स चीनी मुद्रा युआन में भुगतान की मांग कर रहे हैं। बता दें कि भारत की लगभग 70 फीसदी रिफायनरी सरकार के स्वामित्व वाली है। यानि की उन्हें वित्त मंत्रालय के निर्देशानुसार ही काम करना होगा। देश की सबसे बड़ी सरकारी रिफाइनरी इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन ने पिछले दिनों रूसी कच्चे तेल के लिए युआन में भुगतान किया था। हालांकि इसके बाद भारत सरकार ने युआन में पेमेंट करने पर रोक लगा दी थी। वहीं निजी रिफाइनरी में युआन में तेल का भुगतान कर सकती हैं।

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चीनी मुद्रा का उपयोग कर रहे हैं रूसी व्यवसायी

बता दें कि इसके पीछे एक बड़ी वजह भारतीय मुद्रा की मौजूदगी है। रूस पिछले कई महीनों से भारत से अधिक मात्रा में जरूरत का सामान आयात कर रहा है। इस वजह से उसके पास भारतीय मुद्रा अत्यधिक मात्रा में जमा हो गई है। इस मुद्रा का वह भारत के अलावा किसी अन्य देश के साथ इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है। गौरतलब है कि यूके्रन से युद्ध के बाद अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के बाद रशिया भारत और चीन के साथ स्थानीय मुद्रा में व्यापार कर रहा है। वहीं रूसी व्यवसायी भी अपना अधिकतर व्यापार युआन में कर रहे हैं। पिछले वर्ष चीनी मुद्रा युआन रूस में सबसे अधिक कारोबार वाली मुद्रा बन गई है। भारत इस समय अपनी जरूरत का 60 फीसदी तेल रूस से आयात कर रहा है।

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Written By

Rakesh Choudhary

First published on: Oct 21, 2023 09:01 AM

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