Refugee Camp Roof Collapsed: पाकिस्तान में आज रविवार की सुबह दर्दनाक हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई। कराची शहर के बाहरी इलाके में एक अफ़गान शिविर में हादसा हुआ। एक रिफ्यूजी कैंप की छत गिरने से सो रहे महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 6 लोग मलबे के नीचे दब गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
ANI की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार तड़के गुलशन-ए-मयमार इलाके में जंजाल गोथ में हुई। छत के मलबे नीचे दबने से 4 लोग घायल भी हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा पीड़ित परिवार गांव बन्नू जिला खैबर पख्तूनख्वा का रहने वाला था। पुलिस अधिकारियों ने शव कब्जे में ले लिया और हादसा होने के कारणों की जांच जारी है।
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31 मार्च 2025 तक देश छोड़ने के आदेश
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने शनिवार को एक आदेश जारी किया कि पाकिस्तान में रह रहे अफगानिस्तान के नागरिक कार्ड धारक लोग 31 मार्च तक देश छोड़ दें। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अफगान नागरिकों को 1 अप्रैल 2025 से निर्वासित किया जाएगा। पहले की रिपोर्टों में कहा गया था कि पाकिस्तान देश से सभी अफगानों को निकालने की योजना बना रहा था, लेकिन पहली बार गृह मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि की है। गृह मंत्रालय ने एक आधिकारिक हैंडआउट में इस बारे में आदेश जारी किया।
कई बार दिया गया देश छोड़ने का मौका
आदेश में कहा गया कि अवैध विदेशियों के प्रत्यावर्तन कार्यक्रम (IFRP) को 1 नवंबर 2023 से लागू किया जा रहा है। सभी अवैध विदेशियों को वापस भेजने के प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रीय नेतृत्व ने अफगान नागरिक कार्ड धारकों को भी वापस भेजने का फैसला किया है। इसलिए सभी अवैध विदेशियों और अफगान नागरिक धारकों को 31 मार्च 2025 से पहले स्वेच्छा से देश छोड़ने की सलाह दी जाती है। उसके बाद 1 अप्रैल 2025 से निर्वासन शुरू होगा। सम्मानजनक वापसी के लिए पहले ही पर्याप्त समय दिया जा चुका है, एक बार फिर दे रहे हैं।
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30 लाख अफगान नागरिक पाकिस्तान में
गृह मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि इस बात पर जोर दिया गया है कि प्रत्यावर्तन प्रक्रिया के दौरान किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाएगा और लौटने वाले विदेशियों के लिए भोजन और स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था भी की जाएगी। नवंबर 2023 में पाकिस्तान द्वारा अभियान शुरू किए जाने के बाद से पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे 800000 से अधिक अफ़गान नागरिकों को उनके देश वापस भेजा गया है। अनुमान है कि लगभग 3 मिलियन (30 लाख) अफ़गान नागरिक अभी भी पाकिस्तान में रहते हैं।