Prisoner Exchange Explained: युद्ध के बीच यूक्रेन और रूस ने कैदियों की अदला-बदली का निर्णय लिया है, 23 मई को दोनों देशों ने करीब 390 सैनिकों और नागरिकों को एक-दूसरे को सौंपा है। भारत और पाकिस्तान की बात करें तो दोनों देशों के बीच कैदियों की अदला-बदली राजनयिक समझौतों और मानवीय आधार पर होती है।
दरअसल, साल 2022 में रूसी आक्रमण के बाद से तीन साल बाद यूक्रेन और रूस के बीच कैदियों की बड़ी अदला-बदली हुई है। दोनों देशों ने तकरीबन 1000 कैदियों के अदला-बदली का बड़ा फैसला लिया है। यहां बता दें कि यूक्रेन और रूस हो या भारत-पाकिस्तान दो देशों के बीच कैदियों की अदला-बदली के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) और प्रत्यर्पण संधियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
भारत में कैदियों की अदला-बदली के लिए क्या नियम हैं?
विदेश नीतियों के जानकारों की मानें तो भारत की इसके लिए अन्य देशों से प्रत्यर्पण संधियां हैं। भारत ने कई देशों के साथ ऐसी संधियां कर रखी हैं, जिससे अपराधियों को उनके मूल देश में वापस भेजा जा सकता है। इसके अलावा किसी कारणवश दूसरे देशों के बंद लोगों को देश वापस लाया जा सके। सरकार इसके लिए अन्य देशों के साथ विशेष समझौते करती है। इन समझौता ज्ञापनों से अन्य देशों के साथ कैदियों की अदला-बदली की जाती है। विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों को वापस अपने वतन वापस लाया जा सकता है।
🇺🇦🔱 Ukraine returns 307 more Defenders from Russian captivity – second day of the “1000 for 1000” exchange
Today, the second stage of the large-scale prisoner exchange in the “1000 for 1000” format took place. The Coordination Headquarters for the Treatment pic.twitter.com/6hSEuzPPZc
— Tracey SBU Fella 🇬🇧🇺🇦 #NAFO (@trajaykay) May 24, 2025
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कैदियों को दी जाती है कानूनी सहायता, इन परिस्थितियों में नहीं बदले जाते कैदी
विदेश की धरती पर किसी कारण से बंद भारतीय नागरिकों और कैदियों को इंडिया कानूनी सहायता प्रदान करता है। विदेशों में कैद भारतीय नागरिकों को भारतीय मिशन और दूतावासों के जरिए मदद पहुंचाई जाती है। कानून के जानकारों की मानें तो दो विशेष परिस्थितियों आतंकवाद या जासूसी के मामलों में कैदियों की अदला-बदली नहीं होती है।
भारत में कैदियों को क्या अधिकार मिलते हैं?
- कानून के अनुच्छेद 14 में सभी कैदी कानून के समक्ष समान हक रखते हैं।
- अनुच्छेद 21 कैदियों के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार सुनिश्चित करता है।
- अनुच्छेद 39A विचाराधीन कैदियों को निःशुल्क कानूनी सहायता देने का प्रावधान है।
of Prisoners of War, on the instructions of the President of Ukraine, returned another 307 Oborontsi from Russian captivity.
➡️ Servicemen of the Armed Forces of Ukraine, including the Ukrainian Border Guard, the Ukrainian Border Guard, the Ukrainian Naval Forces, the pic.twitter.com/yygUBsIMr3
— Tracey SBU Fella 🇬🇧🇺🇦 #NAFO (@trajaykay) May 24, 2025
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कैदियों की अदला-बदली नहीं हो रही
जानकारी के अनुसार पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कैदियों की अदला-बदली फिलहाल नहीं हो रही है। दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सिंधु जल समझौता निलंबित करने, अटारी-वाघा सीमा बंद करने समेत अन्य सख्त कदम उठाए हैं।
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