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भारत का तोहफा श्रीलंका के लिए बना वरदान, 88 एंबुलेंस ने बचाई 15 लाख लोगों की जान

भारत द्वारा 9 साल पहले उपहार में दी गई 88 एंबुलेंस श्रीलंका के लिए वरदान साबित हो रही हैं। अभी तक इन एंबुलेंस के जरिए लाखों लोगों की जान बचाई जा चुकी है। श्रीलंका में इन एंबुलेंस को आपातकालीन सेवाओं में लगाया गया है। श्रीलंका के साथ भारत लगातार अच्छे संबंध बनाने की दिशा में बढ़ रहा है।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Apr 7, 2025 21:14
PM Narendra Modi

मानवीय सद्भावना का पालन करते हुए भारत ने 2016 में श्रीलंका को 88 एंबुलेंस गिफ्ट की थीं। इसके बाद श्रीलंका के एंबुलेंस बेड़े में वाहनों की संख्या 322 हो गई थी। इन एंबुलेंस को श्रीलंका में आपातकालीन कार्यों में लगाया गया है, जिनकी वजह से अब तक 1.5 मिलियन (15 लाख) लोगों की जान बचाई जा चुकी है। भारत का यह कदम दर्शाता है कि उसके श्रीलंका के साथ कितने अच्छे संबंध हैं? म्यांमार में हाल ही भूकंप आया था, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई, हजारों लोग घायल हुए। भारत ने सच्चे पड़ोसी होने का हक अदा किया और म्यांमार की हरसंभव मदद की।

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श्रीलंका को 2016 में 88 एंबुलेंस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौंपी थी। ये वाहन लोगों की कीमती जानें बचाने में मददगार साबित हो रहे हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक श्रीलंका ने भारत द्वारा उपहार में दी गई एंबुलेंस का इस्तेमाल करने के लिए नई राष्ट्रीय आपातकालीन एंबुलेंस सेवा शुरू की थी। समय के साथ-साथ एंबुलेंस के बेड़े में और वाहन जोड़े गए।

पीएम मोदी से साझा किए अनुभव

श्रीलंका के स्वास्थ्य और मीडिया मंत्री नलिंडा जयतिसा ने शनिवार को साझा किए गए एक संदेश में पीएम मोदी को इस बाबत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि आज एंबुलेंस का बेड़ा 322 हो गया है। इसका उपयोग पूरे देश में दिन-रात फ्री आपातकालीन परिवहन सेवाओं को प्रदान करने में किया जा रहा है। जयतिसा के अनुसार 2016 से अब तक एंबुलेंस सेवा द्वारा 2.24 मिलियन (22.4) लाख आपात केस हैंडल किए गए हैं। इनमें मुख्य रूप से सड़क हादसे, हृदय या स्ट्रोक के मामले शामिल हैं। उपरोक्त में से 65 प्रतिशत आपात स्थितियां ‘क्रिटिकल गोल्डन ऑवर्स’ श्रेणी में आती हैं, जिसका अर्थ ये है कि यदि समय पर एंबुलेंस सेवा न मिले तो मरीज की जान जा सकती थी। आपकी उदारता के कारण अब तक लगभग 15 लाख लोगों की जान बचाई जा चुकी है।

सहयोग का शानदार उदाहरण

श्रीलंका के अधिकारियों ने बताया कि हमारी एंबुलेंस सेवाओं की सफलता की कहानी दोनों पड़ोसी देशों के बीच सहयोग का एक शानदार उदाहरण है। हाल ही में म्यांमार में भीषण भूकंप आया था, तब भारत ने दिल खोलकर उसकी मदद की। भारत ने खोज और बचाव, मानवीय सहायता, आपदा राहत और चिकित्सा सहायता समेत तमाम आवश्यक मदद पड़ोसी को उपलब्ध करवाने के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया था। इस पहल के तहत सरकार ने आपदा के 24 घंटे के भीतर टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, भोजन के पैकेट, हेल्थ किट, जेनरेटर और आवश्यक दवाओं समेत 15 टन राहत सामग्री भेजी थी। म्यांमार को पिछले सप्ताह 442 मीट्रिक टन खाद्य सहायता और मुहैया करवाई गई है।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Apr 07, 2025 09:12 PM

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