PM Modi Cyprus Visit is Message for Turkey: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह ही 3 देशों की यात्रा पर रवाना हुए हैं। पीएम मोदी अपनी 4 दिन की यात्रा में सबसे पहले साइप्रस जाएंगे। इसके बाद वह कनाडा और क्रोएशिया जाएंगे। इन 4 दिनों में पीएम मोदी 27,745 किमी का सफर तय करेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की द्वारा पाकिस्तान की मदद करने के बाद से ही भारत और तुर्की के बीच तनाव जारी है। ऐसे में पीएम मोदी के साइप्रस दौरे को एक कूटनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल, तुर्की ने 1974 से साइप्रस के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा कर रखा है।
भारत और साइप्रस के बीच कैसे हैं रिश्ते?
मालूम हो कि पीएम नरेंद्र मोदी 23 सालों में साइप्रस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के निमंत्रण पर पीएम मोदी साइप्रस जा रहे हैं। इस दौरान उनके साथ करीब 100 अधिकारियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद होगा। भारत और साइप्रस के साथ संबंध काफी अच्छे हैं। इसके बावजूद पिछले 40 सालों में सिर्फ 2 बार ही भारतीय प्रधानमंत्रियों ने साइप्रस की यात्रा की है। पीएम मोदी से पहले साल 1982 में इंदिरा गांधी और साल 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने साइप्रस की यात्रा की थी।
Indian PM Modi left for Cyprus this morning. This is his first foreign visit since Operation Sindoor, or Indian strikes on Pakistani terror camps. pic.twitter.com/6VAvxfsXHT
— Sidhant Sibal (@sidhant) June 15, 2025
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भारत में तुर्की का बहिष्कार
पीएम मोदी की साइप्रस की यात्रा को राजनयिक सूत्रों ने तुर्की के खिलाफ कूटनीतिक संकेत बताया। उनका कहना है कि इस यात्रा का उद्देश्य तुर्की के अंकारा को एक संदेश भेजना है। मालूम हो कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान को समर्थन दिया। साथ ही कश्मीर पर भी विवादित बयान दिया। जिसके बाद भारत ने तुर्की की स्थिति और उसके इस काम पर चिंता व्यक्त की। जिसके कारण भारत में तुर्की के सामानों का बहिष्कार किया गया।
साइप्रस ने दिया भारत का साथ
वहीं, साइप्रस ने तुर्की के विपरीत आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का साथ दिया। साथ ही पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भी कड़े शब्दों में निंदा की। इसके अलावा साइप्रस ने कहा कि वह UN के स्तर पर पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को भी उठाएगा। साइप्रस उस ऊर्जा कॉरिडोर का हिस्सा है जो भारत को यूरोप से जोड़ेगा। साथ ही भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) के जरिए पूर्व से लेकर पश्चिम तक कनेक्शन को मजबूत करेगा।
बता दें कि पीएम मोदी का साइप्रस दौरा उनके 3 देशों की यात्रा का हिस्सा है। इस दौरान पीएम मोदी कनाडा में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वह क्रोएशिया जाएंगे, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी।