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History: 35000 फीट ऊंचाई, 700 मील रफ्तार; तेजी से नीचे आकर प्लेन क्रैश, जिंदा जले 48 लोग

Today History in Hindi: मौसम खराब होने से विमान का कंट्रोल छूट गया और वह स्पीड से नीचे आकर बिल्डिंगों से टकराकर क्रैश हो गया। विमान का मलबा रिहायशी इलाके में गिरा और उसमें आग लगाने से पैसेंजर्स जिंदा जल गए। आइए जानते हैं कि हादसा कब और कैसे हुआ?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jul 23, 2024 09:43
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TransAsia Airways Flight 222 Crash
TransAsia Airways Flight 222 Crash

TransAsia Airways Flight 222 Crash Memoir: प्लेन करीब 35000 हजार फीट की ऊंचाई पर था, अचानक मौसम खराब हुआ और पायलट ने एक गलती कर दी। इसके बाद प्लेन 700 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तेजी से नीचे आया। बिल्डिंगों से टकराकर रिहायशी इलाके में क्रैश हो गया। इतनी ऊंचाई से नीचे आते समय दबाव के कारण और बिल्डिंगों से टकराने पर प्लेन के दोनों विंग अलग हो गए। इंजन भी निकलकर इधर उधर गिर गए थे।

नीचे गिरकर विमान में आग लग गई और आग में जिंदा जलने से 48 लोग मारे गए। 58 पैसेंजरों में से 10 लोग जिंदा बचे, जिन्हें लोगों ने रेस्क्यू करके प्राथमिक उपचार दिया था। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि खराब मौसम होने पर पायलट जानबूझकर जहाज को नीचे लाया, लेकिन हवा के दबाव में आकर विमान हादसे का शिकार हो गया। पायलट के ओवर कॉन्फिडेंस ने 48 लोगों की जान ले ली। उसे अति-विश्वास था कि वह स्पीड को कंट्रोल कर लेगा, जो नहीं हुई।

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फ्लाइट और कॉकपिट रिकॉर्डर से हादसे का कारण पता चला

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा आज से 10 साल पहले 23 जुलाई 2014 को ताइवान में हुआ था। ट्रांसएशिया एयरवेज की डोमेस्टिक फ्लाइट 222 ने ताइवान के काऊशुंग एयरपोर्ट से उड़ान भरी, जिसें पेन्घु द्वीप के मैगोंग एयरपोर्ट पर लैंड होना था। फ्लाइट में 54 यात्री थे, जिनमें 4 बच्चे भी थे। 4 क्रू मेंबर्स थे। कैप्टन ली यी-लियांग थे। फर्स्ट ऑफिसर चियांग कुआन-हिंग थे। हादसे में 2 फ्रांसीसी नागरिकों और 46 ताइवानी नागरिकों समेत 48 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ताइवान के मशहूर बिजनेसमैन येह केन-चुआंग भी शामिल थे।

ताइवान की एविएशन सेफ्टी काउंसिल (ASC) के नेतृत्व में टीम ने हादसे की जांच की। फ्लाइट रिकॉर्डर को पढ़ने पर पता चला कि पायलटों ने आखिरी पलों में फ्लाइट को अबॉर्ट करने और गो-अराउंड की घोषणा की। इस दौरान पायलट की तरफ का इंजन टूटकर अलग हो गया। कॉकपिट के वॉयस रिकॉर्डर असामान्य आवाजें रिकॉर्ड की गईं, जो विमान के पेड़ों से टकराने के दौरान की थी। पायलट की अनाउंसमेंट ही हादसे का कारण साबित हुई।

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ऐसे हुआ था हादसा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खराब मौसम के कारण फ्लाइट देरी से टेकऑफ हुई। मैगोंग एयरपोर्ट पर ही मौसम खराब था और विजिबिलिटी ऐसी थी कि कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। काऊशुंग एप्रोच कंट्रोल ने फ्लाइट 222 को 3 अन्य फ्लाइटों को होल्डिंग पैटर्न में रहने का निर्देश दिया। फ्लाइट 222 के क्रू ने रनवे 20 पर लैंडिंग की परमिशन मांगी। काऊशुंग एप्रोच कंट्रोल ने प्लेन को कम ऊंचाई और रडार वेक्टर पर रखा। विमान को लैंडिंग की परमिशन मिली।

क्रू मेंबर्स ने ऑटो पायलट और यॉ डैम्पर को अलग कर दिया। जब पायलट रनवे को तलाश रहा था तो उसे पता चला कि वे बाईं ओर रास्ता भटक गए है। फर्स्ट ऑफिसर और कैप्टन ने बातचीत करके गो-अराउंड के लिए कहा, इसलिए जमीन से प्लेन का टकराना लाजमी था। प्लेन पहले एक बिल्डिंग से टकराया और फिर पेड़ों को काटता हुआ जिक्सी गांव में गिर गया। जोरदार टक्कर लगने से विमान बुरी तरह डैमेज हुआ। दोनों विंग, वर्टिकल स्टेबलाइज़र और एम्पेनेज अलग हो गए।

विमान में विस्फोट हुआ और आग लग गई। कुछ यात्रियों की लाशें गांव की सड़कों पर मिली। कुछ पैसेंजर्स मलबे से निकलकर आए, जिन्हें ग्रामीणों ने रेस्क्यू किया।

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HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Jul 23, 2024 09:11 AM

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