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History: 17000 फीट ऊंचाई पर प्लेन क्रैश; पलटियां खाते हुए समुद्र में गिरा, 30 सेकेंड में मारे गए 78 लोग

Today History in Hindi: आज के दिन ऐसा विमान हादसा हुआ था, जिसके होने का कोई कारण जांच में पता नहीं चला। हादसे में 78 लोग मारे गए थे, लेकिन सिर्फ 12 लाशें मिली थीं। बाकी शवों को आज तक समुद्र से निकाला नहीं जा सका। आइए जानते हैं कि विमान हादसा कब और कहां हुआ था?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jul 22, 2024 10:01
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Pan Am Flight 816 Crash
उड़ते जहाज में को-पायलट की बिगड़ी तबीयत।

Pan Am Flight 816 Crash Memoir: फ्लाइट टेकऑफ हुई ही थी कि 30 सेकेंड बाद ही डगमगाने लगी। फिर पलटियां खाते हुए समुद्र में गिर गई। पानी में गिरते हुए प्लेन क्रैश हो गया और 78 पैसेंजर्स करीब 700 मीटर की गहराई में डूब गए। सिर्फ 12 लोगों की लाशें पानी में तैरती मिलीं। बाकी लोगों की लाशें आज तक समुद्र से निकल नहीं पाई हैं।

विमान हादसे की जांच की गई तो कॉकपिट के वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से पता चला कि लोग 2300 फीट (700 मीटर) नीचे पानी में डूब गए थे और उन्हें कभी नहीं निकाला जा सका। टेकऑफ के बाद ऊंचाई पर जाते हुए किसी इंस्ट्रूमेंट के फेल होने से हादसा होने का शक जांच एजेंसी ने जताया, लेकिन फ्लाइट रिकॉर्डर नहीं मिलने के कारण विमान हादसे का कोई आधिकारिक कारण आज तक निर्धारित नहीं किया गया।

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दूसरे स्टॉपेज से पहले क्रैश हो गया था विमान

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विमान हादसा आज से 51 साल पहले 22 जुलाई 1973 को हुआ फ्रेंच पोलिनेशिया में हुआ था। वहीं फ्लाइट 816 के साथ हुए हादसे को फ्रेंच पोलिनेशिया में होने वाला सबसे घातक विमान हादसा माना गया। पैन एम फ्लाइट 816 ने न्यूजीलैंड के ऑकलैंड एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। फ्लाइट को अमेरिका के कैलिफोर्निया में सैन फ्रांसिस्को एयरपोर्ट पर लैंड होना था।

रास्ते में फ्लाइट के 2 स्टॉपेज थे। एक फ्रेंच पोलिनेशिया के ताहिती एयरपोर्ट पर था। दूसरा कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट पर था। पैन एम बोइंग 707-321B प्लेन का रजिस्ट्रेशन नंबर N417PA था। इस प्लेन का नाम क्लिपर विंग्ड रेसर था । 22 जुलाई 1973 को भारतीय समयानुसार रात 10:06 बजे फ्लाइट ने पपीते के फाआ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी, लेकिन 30 सेकेंड बाद ही समुद्र में गिर गया।

 

जिंदा बचे एकमात्र पैसेंजर ने सुनाई आंखोंदेखी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑकलैंड से पहले स्टॉपेज तक फ्लाइट में कोई खराब नहीं थी, लेकिन पहले स्टॉपेज वाले एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद फ्लाइट क्रू ने कॉकपिट विंडशील्ड में दरार की सूचना एयरपोर्ट के टेक्निकल स्टाफ को दी थी, लेकिन उन्होंने इसे छोटी-सी खामी मानकर इग्नोर किया और पायलटों को टेकऑफ करने की परमिशन दे दी। फिर भी क्रू मेंबर्स ने न्यूयॉर्क शहर में एयरलाइन अधिकारियों को इस बारे में बताया। कैप्टन इवर्ट्स ने विमान में अतिरिक्त ईंधन भरने का फैसला लिया।

इस वजह से फ्लाइट 90 मिनट लेट हो गई। अतिरिक्त ईंधन से विमान का वजन बढ़ गया। न्यूयॉर्क से टेकऑफ के बाद रात 10 बजे क्रू मेंबर्स ने ATC अधिकारियों से संपर्क किया। इस बीच प्लेन अचानक 90 डिग्री तक मुड़ गया और प्लेन से एक फ्लैश भी निकला। हादसे में जिंदा बचे एकमात्र कनाडाई पैसेंजर ने बताया कि प्लेन क्रैश होने से पहले उसने जोरदार आवाज सुनी थी और पानी में चमक देखी थी, लेकिन अचानक खुद को पानी के अंदर पाया। नौसेना के जवानों को वह बेहोशी की हालत में मिला।

HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Jul 22, 2024 09:56 AM

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