Jaish-e-Mohammed Terrorist Shahid Latif Story: पाकिस्तान में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी शाहिद लतीफ की एक मस्जिद में गोली मारकर हत्या कर दी गई। शाहिद भारत के पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले का मास्टरमांइड था। मिली जानकारी के अनुसार, अज्ञात हमलावरों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। शाहिद के खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने केस दर्ज किया हुआ था।
यह भी पढ़ें: ये हैं दुनिया के टॉप-10 अरबपति, 12वें नंबर पर देश के मुकेश अंबानी, 9 बिलियनेयर अमेरिका से
आतंकियों को टारगेट तक पहुंचाना था काम
शाहिद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजंरावाला का रहने वाला था। वह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था। पाकिस्तान में सियालकोट सेक्टर का लॉन्चिंग कंमाडर था। उसका मुख्य काम आतंकियों को प्रशिक्षण देकर भारत में प्रवेश कराना था। आतंकियों की तैनाती से लेकर हमले की प्लानिंग में लतीफ की अहम भूमिका रहती थी, लेकिन उसकी मौत से जैश की रीढ़ की हड्डी टूट गई है।
यह भी पढ़ें: सो कर उठते ही कमरे में दिखे हजारों ‘लेडी बर्ड्स’ कीड़ों से डरी महिला घर छोड़ने को हुई मजबूर
16 साल तक जेल में बंद रहा शाहिद
बता दें कि साजल 2016 में पठानकोट में आतंकी हमले के बाद शाहिद लतीफ को 12 नवंबर 1994 को गिरफ्तार किया गया था। वह करीब 16 साल तक वह भारत की अलग-अलग जेलों में बंद रहा। शाहिद को 2010 में वाघा बॉर्डर के जरिए भारत से पाकिस्तान डिपोर्ट कर दिया गया। शाहिद 1999 इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक करने के मामले में भी मुख्य आरोपी था।
यह भी पढ़ें: महात्मा गांधी से मोदी तक…कैसे मजबूत होता गया भारत-इजरायल का रिश्ता? 9 बड़े कारण
लतीफ के संगठन को लेकर मतभेद
शाहिद ने दहशत की दुनिया में उसने 90 के दशक में कदम रखा। उस समय जैश के हरकत-उल-मुजाहिदीन की जम्मू कश्मीर में एंट्री हुई ही थी, जो हरकत-ए-जिहादी इस्लामी का धड़ा था। दोनों ने 1994 में हरकत-उल-अंसार बनाया। NIA दावा करती है कि लतीफ हरकत-उल-मुजाहिदीन का हिस्सा था। जम्मू पुलिस के रिकॉर्ड्स बताते हैं कि वह जमियत-उल-मुजाहिदीन में था।
यह भी पढ़ें: 800 साल पुराने पेड़ को काट डाला, लोग बोले- अब आएगी बड़ी आपदा
शाहिद लतीफ आतंकियों के लिए था अहम
शाहिद लतीफ आतंकियों के लिए कितना जरूरी था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1999 में जब हरकत-उल-मुजाहिदीन के आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक करके कंधार पहुंचाया था तो मौलाना मसूद अजहर के साथ उसकी रिहाई की मांग भी की गई थी। मांग नहीं माने जाने पर मौलाना मसूद अजहद के साथ मुश्ताक जरगर उर्फ लटरम, अहमद उमर सैयद शेख की रिहाई पर जोर दिया गया। इन तीनों को भारत सरकार ने रिहा कर दिया था।