Pakistan US Defence Deal: ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही पाकिस्तान और अमेरिका में करीबी दिखाई देने लगी है. वहीं, अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान को अमेरिका से ‘AIM-120 उन्नत मध्यम दूरी’ की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें मिलने की संभावना जताई गई है. अमेरिका ने पाकिस्तान वायु सेना को इन ताकतवर मिलाइलों की बिक्रि को मंजूरी दे दी है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के युद्ध मंत्रालय (DoW) की ओर से हाल ही में नोटिफाई किए गए हथियारों के एग्रीमेंट में AIM-120 AMRAAM के खरीदारों में पाकिस्तान का भी नाम शामिल है.
इतने देशों को मिलेगी AIM-120 मिसाइल
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक नोटिफिकेशन में कहा गया है, ‘इस एग्रीमेंट में ब्रिटेन, पोलैंड, पाकिस्तान, जर्मनी, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, रोमानिया, कतर, ओमान, कोरिया, यूनान, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, नीदरलैंड, चेक गणराज्य, जापान, स्लोवाकिया, डेनमार्क, कनाडा, बेल्जियम, बहरीन, सऊदी अरब, इटली, नॉर्वे, स्पेन, कुवैत, फिनलैंड, स्वीडन, ताइवान, लिथुआनिया, इजरायल, बुल्गारिया, हंगरी और तुर्की को विदेशी सैन्य बिक्री शामिल है.’
इस ऑर्डर पर काम मई 2030 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान को कितनी नयी AMRAAM मिसाइलें दी जाएंगी, लेकिन इस खबर के सामने आने से पाकिस्तानी वायुसेना के एफ-16 बेड़े के ए़डवांस होने की चर्चा हो रही है.
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क्यों खास हैं ये मिसाइलें
AIM-120D-3 मिसाइलें AMRAAM फैमिली का नवीनतम और सबसे उन्नत संस्करण है. इनको दुश्मन के विमानों और आने वाली मिसाइलों के खिलाफ दृश्य-सीमा से परे जाकर (बीवीआर) हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है. रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह मिसाइल पाकिस्तान के मौजूदा F-16 बेड़े की ऑपरेशनल सीमा और सटीकता को और मजबूत करेगी. साथ ही पीएएफ हवाई खतरों का बेहतर ढंग से जवाब देने में सक्षम होगी.
क्या है इस मिसाइल की प्रमुख विशेषताएं?
रेंज: 160 से 180 किलोमीटर तक, लॉन्च प्लेटफॉर्म पर निर्भर करता है.
स्पीड: मैक 4 यानी आवाज की गति से लगभग चार गुना तेज है.
गाइडेंस: एक्टिव रडार होमिंग सिस्टम, जो सटीक लक्ष्य साधने में मदद करता है.
क्षमता: एक साथ कई हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है.
यह मिसाइल F-15, F-16, F/A-18, F-22, Eurofighter Typhoon, Gripen, Tornado और F-35 जैसे विमानों में उपयोगी है. इसके अलावा, इसे NASAMS (National Advanced Surface-to-Air Missile System) जैसी जमीनी एयर डिफेंस सिस्टम में भी इस्तेमाल किया जाता है, जो अमेरिका, नॉर्वे, पोलैंड और यूक्रेन ने अपनाई है.