Saudi Arabia honours Asim Munir: सऊदी अरब इस समय पाकिस्तान पर बेहद मेहरबान होता हुआ दिखाई दे रहा है. दरअसल, सऊदी अरब के प्रिंस ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान दिया है. वहीं, इसकी जानकारी पाकिस्तान ने दी और कहा कि यह सम्मान दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक है. बता दें कि पाकिस्तान के फील्ड मार्शल बनने के बाद पहली बार आसिम मुनीर इस्लामिक देश सऊदी अरब के दौरे पर हैं जहां सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज ने उन्हें यह सम्मान दिया है.
सऊदी अरब की न्यूज एजेंसी ‘सऊदी प्रेस एजेंसी’ के मुताबिक मुनीर को सऊदी अरब को सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘किंग अब्दुलअजीज मेडल ऑफ द फर्स्ट क्लास’ मिला है.
बता दें कि मुनीर को सम्मान रविवार को सऊदी किंग सलमान के निर्देश पर दिया गया है. वहीं, इससे पहले पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ नेटो जैसे रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
आसिम मुनीर ने पाकिस्तान के संविधान में बदलाव करके सत्ता को अपने हाथ में ले लिया है. मुनीर अब चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज बन गए हैं. इस पद का गठन ही मुनीर के लिए किया गया है जिसका मकसद थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है.
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एक देश पर हमला दोनों देशों पर हमला माना जाएगा
वहीं, आसिम मुनीर ये सम्मान देने के बाद दोनों देश इस बार पर भी सहमत हुए हैं कि दोनों में से किसी एक देश पर हमला होता है तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा और दोनों देश मिलकर उसका सामना करेंगे.
पाकिस्तानी सेना ने क्या कहा?
एक बयान में पाकिस्तान की सेना ने कहा कि आसिम मुनीर को दिया गया यह सम्मान पाकिस्तान-सऊदी अरब संबंधों की गहराई और क्षेत्रीय व वैश्विक शांति के लिए रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने के संकल्प को दिखाता है.
खालिद बिन सलमान ने क्या कहा?
वहीं, आसिम मुनीर को सम्मानित करने को लेकर खालिद बिन सलमान ने एक पोस्ट शेयर कर कहा कि ‘दो पवित्र मस्जिदों के संरक्षक के निर्देश पर, मैंने पाकिस्तान के आर्मी चीफ, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को हमारे सहयोग को बढ़ाने और सऊदी-पाकिस्तानी संबंधों को आगे बढ़ाने में उनके खास प्रयासों के लिए किंग अब्दुलअजीज मेडल ऑफ एक्सीलेंट क्लास से सम्मानित किया.’
उन्होंने आगे कहा कि मीटिंग के दौरान, मैंने उन्हें रक्षा बलों के प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति पर बधाई दी और हमारे ऐतिहासिक संबंधों और रणनीतिक रक्षा सहयोग की समीक्षा की. हमने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों के साथ-साथ आपसी हित के अन्य विषयों पर भी चर्चा की.










