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नेपाल में Gen-Z आंदोलन में जान गंवाने वालों के लिए बड़ा ऐलान, परिजनों को कार्की सरकार देगी 10 लाख

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन खत्म हो गया है। अंतरिम सरकार का गठन भी गया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनाया गया है। पीएम कार्की ने सबसे पहला फैसला आंदोलन में जान गंवानों वालों के परिजनों के लिए लिया है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Raghav Tiwari Updated: Sep 14, 2025 13:51

नेपाल में अंतरिम सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने 14 सितंबर को पद संभालते ही Gen-Z आंदोलन में जान गंवाने वालों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा प्रदर्शन में घायलों के इलाज की जिम्मेदारी भी सरकार उठाएगी. अंतरिम सरकार यह सबसे पहला फैसला है. हिंसक प्रदर्शन में अभी तक करीब 53 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 400 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं.

‘मृतक नहीं, शहीद कहलाएंगें’

कार्की सरकार ने 8 सितंबर की घटना में मारे गए सभी लोगों को शहीद घोषित किया गया है. साथ ही शवों को काठमांडू से दूसरे जिलों में भेजने की व्यवस्था सरकार करेगी. पीएम सुशीला कार्की ने कहा कि हम आर्थिक संकट में हैं. हमें पुनर्निर्माण पर चर्चा और काम करना चाहिए. निजी संपत्तियां भी जला दी गईं.

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‘क्या वे नेपाली कहलाने लायक हैं’

जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान करने के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने हिंसक आंदोलन पर भी दुख जताया. उन्होंने कि Gen-Z आंदोलन के दौरान देश की प्रमुख संस्थाओं (सुप्रीम कोर्ट, संसद आदि) पर हुए हमलों को “शर्मनाक” बताया. कहा कि जिन्होंने देश की धरोहरों को बर्बाद किया, क्या वे नेपाली कहलाने लायक हैं.

यह भी पढ़ें: ‘मैं सत्ता का स्वाद चखने नहीं आई’, अंतरिम पीएम बनने के बाद सुशीला कार्की का पहला बयान

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8 सितंबर को हुआ था प्रदर्शन

नेपाल में सोशल मीडिया बैन होने से युवाओं में काफी आक्रोश पैदा हो गया था. राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में 8 सितंबर को लोगों की भीड़ जमा हुई. पहले तो शांति पूर्ण प्रदर्शन शुरू हुआ. कुछ ही देर में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में बहस और झड़प शुरू हो गई. पुलिस ने आंसू गैस के गोलों का भी इस्तेमाल किया. इसके बाद पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी. इससे आंदोलन और बढ़ गया. उग्र भीड़ ने संसद की तरफ रुख कर दिया. संसद परिसर में घुसकर प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी. अगले दिन सुप्रीम कोर्ट, फाइव स्टार होटल, मंत्रालय जैसे कई जगह आग लगा दी. प्रदर्शन बढ़ने पर गृहमंत्री रमेश लेखक, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत कई मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था.

यह भी पढ़ें: ‘नेपाल पूरी तरह सुरक्षित है’, पर्यटन बोर्ड और Gen-Z पर्यटकों से अपने देश आने की कर रहे अपील

First published on: Sep 14, 2025 12:56 PM

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