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पहली महिला चीफ जस्टिस, सरकार के खिलाफ सख्त रवैया, जानिए सुशीला कार्की के पीएम बनने की इनसाइड स्टोरी

Nepal Gen-Z Protest: नेपाल में जेन-जी आंदोलन के बाद अंतरिम सरकार की मांग तेज हो रखी है. इस रेस में सुशीला कार्की का नाम सबसे आगे है, जिन्हें युवाओं का बड़ा समर्थन मिल रहा है. जानें कैसे चुना जा रहा है अंतरिम प्रधानमंत्री और क्यों कार्की बनीं पहली पसंद.

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Sep 12, 2025 09:43

Nepal Gen-Z Protest: नेपाल में जेन-जी आंदोलन के बाद अब देश को अंतरिम सरकार की जरूरत है. इस सरकार का काम देश में चुनाव करवाना और नई निर्वाचित सरकार का गठन करवाना होता है. इस वक्त अंतरिम पीएम के लिए सुशीला कार्की का नाम सबसे ऊपर आ रहा है. हालांकि, जेन-जी के भी अलग-अलग गुटों से अलग-अलग नामों के बारे में चर्चाएं हो रही है. कल यानी 11 सितंबर को एक नए नाम कुलमन घिसिंग आया, जिसे जेन-जी का एक समूह अंतरिम प्रधानमंत्री बनाना चाहता है. मगर सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर अंतरिम सरकार के लिए प्रधानमंत्रियों का चुनाव करता कौन है? आइए समझते हैं इस बात को.

कैसे चुना गया कार्की का नाम?

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिम सरकार के प्रतिनिधि को समझने के लिए पहले नेपाल की राजनीति और इस आंदोलन को समझना होगा। सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि जेन-जी आंदोलन के कई समूह है और अलग-अलग नेतृत्व है। जेन-जी आंदोलनकारियों की मांगों में सुशीला का नाम सर्वोपरी है. इस पर औपचारिक जवाब और समर्थन जरूरी था. इसके लिए डिस्कॉर्ड प्रक्रिया की मदद ली गई थी.

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क्या है ये प्रोसेस?

इसमें एक प्लेटफॉर्म बनाया जाता है, जहां एक बड़े ग्रुप से पोलिंग या वोटिंग करवाई जाती है. नेपाल में डिस्कॉर्ड पर तकरीबन 10 हजार लोग शामिल हुए थे. इस पर वोटिंग हुई कि किसे चुना जाएगा, नाम कई थे लेकिन सबसे ज्यादा वोट पक्ष सुशीला के नाम पर थी. मगर डिस्कॉर्ड पर भी वोटिंग सुरक्षित नहीं होती है क्योंकि कई बार प्रोफाइल ज्यादा और लोग कम होते हैं. नकली प्रोफाइल की जांच करनी होती है और उसके बाद गिनती होती है.

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सुशीला कैसे रेस में आगे निकली?

बालेंद्र शाह जिसके नाम पर पहले बहुत चर्चाएं थी, मगर अचानक उनका समर्थन सुशीला कार्की को मिल गया। इसने सुशीला की जीत पर काफी हदतक सहायता की है. बालेंद्र शाह जो काठमांडू के पॉपुलर मेयर है, उनके समर्थन से युवाओं की स्वीकृति भी बढ़ी है. कार्की भी अंतरिम सरकार के लक्ष्य के समर्थन में मजबूती से आगे हैं, इसलिए भी युवाओं ने उन्हें चुना है.

कुछ ठोस कारणों से लिस्ट में टॉप पर

सुशीला कार्की भारत में बनारस हिंदु यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर चुकी हैं. उनकी साफ छवि और निष्पक्षता उन कारणों में से एक है. वे नेपाल की प्रथम महिला मुख्य न्यायधीश रही है. उनके कामों का सही परिणाम लोगों के सामने स्पष्ट रूप से हैं. उन्हें कभी राजनीतिक पक्ष में नहीं देखा गया है और वे साफ बोलती है.

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First published on: Sep 12, 2025 09:19 AM

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