एक विशाल एस्टेरॉयड जो ताजमहल से भी दोगुना बड़ा है, तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। इसकी रफ्तार इतनी तेज है कि यह कुछ ही घंटों में हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर रहा है। अगर यह पृथ्वी से टकरा जाए तो विनाश की कल्पना भी डरावनी होगी सैकड़ों परमाणु बमों जितनी ऊर्जा, भूकंप, आग का तूफान और एक बदली हुई जलवायु। NASA ने हाल ही में ऐसे ही एक एस्टेरॉयड 2025 DA15 के पृथ्वी के करीब आने की चेतावनी जारी की है। क्या यह सच में खतरा है या सिर्फ एक खगोलीय घटना? आइए जानते हैं।
पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा 110 फुट चौड़ा एस्टेरॉयड
NASA ने हाल ही में एक विशालकाय एस्टेरॉयड 2025 DA15 के पृथ्वी के पास से गुजरने की चेतावनी जारी की है। यह 110 फुट चौड़ा अंतरिक्ष पिंड लगभग 165 मीटर चौड़ा है, जो ताजमहल के आकार से दोगुना है। यह एस्टेरॉयड 23 मार्च 2025 को भारतीय समयानुसार रात 9:24 बजे पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा। हालांकि यह 6,480,000 किलोमीटर की सुरक्षित दूरी से गुजरने वाला है, लेकिन इसकी गति 77,282 किलोमीटर प्रति घंटे की है, जो वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन का विषय बनी हुई है।
NASA कैसे करता है एस्टेरॉयड की निगरानी?
नासा का सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) लगातार अंतरिक्ष में घूम रहे एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) पर नजर रखता है। यह केंद्र दुनिया की कई वेधशालाओं जैसे Pan-STARRS, Catalina Sky Survey और NEOWISE के साथ मिलकर काम करता है। नासा के Goldstone Radar जैसी उन्नत तकनीकों की मदद से वैज्ञानिक एस्टेरॉयड की कक्षा (Orbit) और गति का सटीक अनुमान लगा सकते हैं। इससे यह पता चलता है कि कोई एस्टेरॉयड पृथ्वी के लिए खतरा बन सकता है या नहीं। अगर कोई खतरा होता है, तो समय पर चेतावनी जारी की जा सकती है। हालांकि, अब भी कई ऐसे एस्टेरॉयड हैं जिन्हें तब तक नहीं पहचाना जाता, जब तक वे पृथ्वी के बहुत करीब नहीं आ जाते। इसलिए, इन पर नजर रखना बहुत जरूरी है।
क्या खतरा पैदा कर सकता है यह एस्टेरॉयड?
नासा के अनुसार, एस्टेरॉयड 2025 DA15 फिलहाल पृथ्वी के लिए कोई सीधा खतरा नहीं है, लेकिन ऐसे एस्टेरॉयड पर नजर रखना जरूरी है। इसी तरह 2025 TN17 नाम का एक और एस्टेरॉयड 26 मार्च 2025 को पृथ्वी के पास से गुजरेगा, हालांकि इसकी दूरी 5 मिलियन किलोमीटर होगी। यह “अपोलो” श्रेणी का एस्टेरॉयड है, जिसका मतलब है कि यह पृथ्वी की कक्षा को पार करता है। वैज्ञानिक इन पर लगातार नजर रखते हैं, क्योंकि इनके रास्ते में जरा सा भी बदलाव भविष्य में खतरा पैदा कर सकता है।
पृथ्वी से टकराने पर क्या होगा असर?
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर 540 फुट चौड़ा कोई क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराए, तो इसका असर सैकड़ों परमाणु बमों जितना विनाशकारी हो सकता है। इससे पूरे इलाके में तबाही मच सकती है, भयानक आग लग सकती है और मौसम में बड़ा बदलाव आ सकता है। ऐसी टक्कर से पृथ्वी का पर्यावरण भी प्रभावित हो सकता है, जिससे जीवन पर लंबे समय तक असर पड़ सकता है। हालांकि नासा के मुताबिक इस हफ्ते ऐसा कोई खतरा नहीं है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं।