NASA To Launch Artificial Star : अगर आप शहर में रहते हैं तो सितारों भरा आसमान देखे हुए आपको भी लंबा समय हो गया होगा। लेकिन, जब आप अपने गांव या फिर घूमने के लिए पॉल्यूशन से दूर किसी हिल स्टेशन वगैरह पर जाते होंगे तो यह अद्भुत नजारा देखकर अलग ही आनंद आ जाता होगा। हालांकि, तारों भरा आसमान देखकर किसी के मन में भी यह विचार नहीं आया होगा कि एक और सितारा इसमें जोड़ दिया जाए। लेकिन, नासा की प्लानिंग कुछ ऐसा ही करने की है। अमेरिका की यह अंतरिक्ष एजेंसी इस दशक के अंत तक एक आर्टिफिशयल स्टार यानी नकली तारा लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।
धरती से देखने पर कुछ सितारे तेजी से चमकते तो कुछ कम चमकते दिखाई देते हैं। ऐसा कई कारणों से होता है, मसलन वो कितने दूर हैं, किस तरह के तारे हैं और अपने जीवन काल के किस चरण में हैं। इन मानकों को अगर एकदम सही मापा जाए तो केवल तारों को देख कर यह जानने में मदद मिल सकती है कि दुनिया का विस्तार कितनी तेजी से हो रहा है। इस तरह के प्रोजेक्ट्स के लिए यह जानना जरूरी है कि कोई तारा कितना चमकदार है। यहीं पर एक आर्टिफिशियल स्टार का होना काफी मददगार साबित हो सकता है। इन्हीं सब बातों और फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए नासा एक नकली तारा लॉन्च करने की प्लानिंग बना रही है।
NASA plans to launch an “artificial star” into orbit by 2029 through the Landolt NASA Space Mission. The satellite, about the size of a breadbox, will use lasers to mimic stars, aiding ground-based telescopes in calibrating measurements of stellar brightness.
This will improve… pic.twitter.com/Shu72ucmqF
---विज्ञापन---— Erika (@ExploreCosmos_) June 19, 2024
जानिए इस मिशन के बारे में सब कुछ
नासा ने इस अभियान को लैंडोल्ट मिशन (Landolt Mission) नाम दिया है। एस्ट्रोनॉमर आर्लो लैंडोल्ट के नाम पर इस मिशन का नामकरण हुआ है और इसे साल 2029 में लॉन्च करने की तैयारी है। जानकारी के अनुसार इसे अमेरिका ऊपर ऑर्बिट में धरती से 35,785 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया जाएगा। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा में एस्ट्रोनॉमी के असिस्टेंट प्रोफेसर जेमी टेयर के अनुसार इस मिशन के जरिए हमारा लक्ष्य यह जानने की कोशिश करना है कि क्या अन्य सितारों की परिक्रमा करने वाले बाकी ग्रहों पर भी महासागरों का अस्तित्व हो सकता है और क्या ऐसे ग्रहों पर जीवन की उत्पत्ति होने की कोई संभावना है?
🚀 NASA’s ‘Artificial Star’ in Earth Orbit to Help with Telescope Calibration 🔭https://t.co/6nVe2T1UCt#NASA #ArtificialStar #EarthOrbit #TelescopeCalibration #RPMCLasers #lasers pic.twitter.com/elBjCIHIQv
— RPMC Lasers, Inc. (@RPMCLasers) July 23, 2024
वैज्ञानिकों को किस तरह मिलेगी मदद?
यह आर्टिफिशियल स्टार लॉन्चिंग के बाद अपने पहले साल के दौरान अमेरिका के ऊपर एक सिंक्रोनाइज्ड ऑर्बिट में रहेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार यह सितारा धरती पर टेलीस्कोप्स को फोटॉन्स का एक तय एमिशन रेट भेजेगा। यहां एस्ट्रोनॉमर्स आर्टिफिशियल स्टार को अंतरिक्ष के उस ऑब्जेक्ट के साथ ऑब्जर्व करेंगे जिसमें वह इंटेरेस्टेड हैं। इससे उन्हें उस ऑब्जेक्ट की ब्राइटनेस का आंकलन करने में मदद मिलेगी। उम्मीद है कि यह मिशन सितारों के आस-पास उन स्थानों की पहचान कर सकेगा जहां जीवन के होने या उत्पत्ति की संभावना है। इसके अलावा यह मिशन एलियंस के अस्तित्व जैसे कई सवालों के जवाब भी दे सकता है।
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