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दुनिया

2011 की तरह फिर से जापान में आएगी सुनामी? चेतावनी के बाद फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को किया जा रहा खाली

Japan Tsunami Warning: पिछले कुछ दिनों में दुनिया के कई देशों से भूकंप की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। आज रूस में भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए। इसके साथ ही अब जापान में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। इसके पहले जापान में 2011 में भी सुनामी का कहर पूरी दुनिया ने देखा था।

Author Written By: Shabnaz Author Edited By : Shabnaz Updated: Jul 30, 2025 12:37
Japan Tsunami Warning
Photo Credit- Social Media

Japan Tsunami Warning: सोशल मीडिया पर समय-समय पर जापान में आई सुनामी की तस्वीरें और वीडियो सामने आती रहती हैं। आज रूस में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इसके बाद सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, जापान में भी समुद्र में ऊंची पानी की लहरें देखी गईं, जिसके वहां पर सुनामी का खतरा बढ़ गया है। इसको देखते हुए देश में चेतावनी जारी कर दी गई है। अलर्ट के बाद फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली करने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। दरअसल, यह वही प्लांट हैं, जो 2011 की सुनामी को दौरान प्रभावित हुआ था। उस दौरन रीब 19 हजार लोगों की मौत हुई थी। अब फिर ये ऐसे हालात न आएं इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट क्या है?

फुकुशिमा दाइइचि न्यूक्लियर पावर प्लांट जापान के फुकुशिमा प्रीफेक्चर में बना है। इसकी शुरुआत 1971 में की गई थी। यह एक बिजली परमाणु संयंत्र है, जिसको टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी चला रही है। 2011 की सुनामी के पहले इसमें 6 परमाणु रिएक्टर थे। तबाही के बाद अब केवल एक रह गया है।

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हालांकि, अब इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। सुनामी आने के बाद से ही इसकी सफाई का काम किया जा रहा है। अब भूकंप के बाद नई चेतावनी के बाद इस काम में तेजी लाई गई है, जिससे इसकी वजह से लोगों की जान को ज्यादा खतरा न हो।

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जापान में 2011 में क्या हुआ था?

11 मार्च 2011 को जापान के ट्रेंच पर होन्शू के उत्तरी-पूर्वी तट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। यह भूकंप 9.1 तीव्रता का था। इससे समुद्र में केवल 30 मिनट के अंदर ही सुनामी की स्थिति बन गई। जिसकी वजह से समुद्र में ऊंची-ऊंची पानी की लहरें उठने लगीं। इस सुनामी की चपेट में जो भी आया सब पानी के साथ बह गया।

19 हजार लोगों की हुई थी मौत

रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय करीब 19 हजार लोगों की मौत हुई और बहुत शव कभी बरामद नहीं किए जा सके। इस सुनामी का सबसे ज्यादा असर फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट पर पड़ा था, जिसके बाद इसका कूलिंग सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया था।

इसमें प्लांट के तीन रिएक्टरों का पिघलना शुरू हो गया। इससे खतरा यह होता है कि यह वातावरण में घुलकर इसको नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, इस समय फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट पिछली बार की तरह खरतनाक नहीं है, क्योंकि सुनामी के बाद इसको बंद कर दिया गया था।

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First published on: Jul 30, 2025 11:29 AM

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