Japan Artificial Intelligence System: जापान में लगातार जंगली भालू आबादी वाले इलाकों में आकर लोगों पर हमले कर रहे हैं। तेजी से हमलों के बीच सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। एक साल में भालुओं के 198 हमले दर्ज किए गए हैं। अब सरकार भालुओं से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम यानी एआई पर काम कर रही है। भालुओं का बढ़ता खतरा सरकार के लिए चुनौती बन रहा है। माना जा रहा है कि एआई से जंगली भालुओं का पता ठीक लग सकता है। लोगों को परेशानी से निकालने के लिए नई तकनीक पर काम हो रहा है।
Crazy dashcam footage of a bear attacking motorists in Hokkaido, Japan: bear attacks have been on the rise in recent years and hit a record high in 2023. pic.twitter.com/6OtxhHK8dv
---विज्ञापन---— Jeffrey J. Hall 🇯🇵🇺🇸 (@mrjeffu) April 29, 2024
जापान की सरकार एआई संचालित भालू पहचान प्रणाली की टेस्टिंग को लेकर काम कर रही है। पहला टारगेट है फुटेज के जरिए जंगली भालू की पहचान। दूसरा टारगेट है संभावित खतरे को देखते हुए एजेंसियों को अलर्ट करना। इसके तहत जल्द ही टोयामा स्टेट में टेस्टिंग शुरू होने वाली है। वहीं, भालू के अधिक खतरे वाले इलाकों में भी पब्लिक सिक्योरिटी पर जोर देने की कवायद चल रही है। पिछले साल जापान के 19 स्टेटों में 198 हमले भालुओं ने किए हैं। 6 लोगों की हमलों में मौत हुई है, 219 घायल हुए हैं। लोगों की सुरक्षा को लेकर सरकार चिंता में है। हमलों का कारण घटती खाद्य सामग्री, कम फसलें होना और इंसानों का अतिक्रमण करना माना जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में कमी हो रही है।
Possibly due to rise in temperature / global warming effect on bear's foid sourcehttps://t.co/mnc9WA3ZF2
— Bambang Irawan (@bambang314) April 29, 2024
गांवों में बच्चे नहीं, इसलिए आ रहे भालू
बच्चों की कम संख्या के कारण आलू एरिया में आते हैं। क्योंकि बच्चों का जहां शोर होता है, वहां भालू नहीं फटकते। जापान में भालू दिखने को कुमा कहते हैं। माना जाता है कि भालू जहां प्रूचर मात्रा में अच्छी वनस्पति होती है, वहीं रहते हैं। जापान में फिलहाल काले भालू 40 हजार हैं। 2012 में इनकी आबादी 15 हजार थी। डाटा में होक्काइडो शामिल नहीं है। यहां भूरे भालू 12 हजार हैं। जो 1990 के बाद दोगुने हो गए हैं। इवाते प्रान्त के हनामाकी शहर में फिलहाल भालू निवासों का पता करने का काम चल रहा है। यहां पर 30 कैमरों का उपयोग करके एक निगरानी प्रणाली लागू की गई है।