Israel Syria War Explainer: इजरायल ने सीरिया पर हमला किया है। इजरायल की सेना ने राजधानी दमिश्क में सीरियाई सेना के मुख्यालय पर बमबारी की। हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई है और करीब 18 लोग घायल हुए हैं। विवाद की वजह ड्रूज समुदाय है, जो नॉर्थ इजरायल और साउथ सीरिया में रहते हैं। इजरायल की नई सरकार साउथ सीरिया के सुवेदा शहर में बसे ड्रूज समुदाय की रक्षा करके उन्हें अपना बनाना चाहती है।
सीरिया की नई सरकार सुवेदा पर कब्जा करना चाहती है। इसलिए सीरिया की सरकार ड्रूज समुदाय के उस गुट पर हमले करा रही है, जो उसका विरोधी है। इजरायल की सेना ड्रूज समुदाय की रक्षा करने के लिए सीरिया पर हमले कर रही है। इसलिए इजरायल और सीरिया आमने-सामने हैं। अगर सीरिया अपनी जिद नहीं छोड़ता है और इजरायल भी ड्रूज समुदाय को दिए वादे से पीछे नहीं हटता है तो दोनों देशों में जंग छिड़ने की संभावना है।
यह भी पढ़ें:News पढ़ रही थी एंकर, इजराइल ने उड़ा दी पूरी बिल्डिंग, लाइव टीवी शो में हमला हो गया रिकॉर्ड
अमेरिका कर रहा मामले में हस्तक्षेप
अमेरिका फिर से इजरायल और सीरिया में सीजफायर करा रहा है। अमेरिका के दखल के बाद सीरिया की सेना भी ड्रूज बहुल सुवेदा शहर से पीछे हटने लगी है। दरअसल, असद सरकार के खात्मे के बाद अमेरिका सीरिया के साथ अपने संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश में है। इसलिए अमेरिका जहां इजरायल को सीरिया पर हमला करने से रोक रहा है, वहीं सीरिया की सेना को भी विवादित इलाके सुवेदा से बाहर रहने को कह रहा है।
5वीं बार सीरिया-ड्रूज समुदाय में सीजफायर
अमेरिका के दखल के बाद सीरिया के सरकारी अधिकारियों और ड्रूज समुदाय के धार्मिक नेताओं ने बुधवार को नया संघर्ष विराम घोषित किया। 5 महीने में चौथी बार संघर्ष विराम हुआ है। क्योंकि झड़पें हर बार युद्धविराम को विफल करती आई हैं, इसलिए 5वां संघर्ष विराम कितना टिकेगा, इसको लेकर संदेह बना हुआ है।
सीरियाई गृह मंत्रालय और ड्रूज धार्मिक नेताओं ने वीडियो संदेश के जरिए शांति बहाली की कोशिश की, लेकिन जमीनी हालात अब भी अस्थिर हैं। वहीं इजरायल ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर सीरियाई सेना साउथ सीरिया में ड्रूज समुदाय पर हमले जारी रखती है और नॉर्थ इजरायल में माहौल बिगाड़ती है तो वह हस्तक्षेप करेगा।
यह भी पढ़ें:बेंजामिन नेतन्याहू की कुर्सी पर खतरा, प्रमुख सहयोगी ने छोड़ा साथ
कौन हैं ड्रूज?
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, ड्रूज सीरिया, लेबनान, इजराइल और गोलान हाइट्स में रहने वाला समुदाय है। इस समुदाय के लोग अरबी भाषा बोलते हैं और अल्पसंख्यक हैं। ड्रूज समुदाय शिया इस्लाम को मानने वाली कम्युनिटी है, जिसकी अपनी पहचान और मान्यताएं हैं। ड्रूज समुदाय के 10 लाख लोगों में से आधे सीरिया में रहते हैं। सीरिया में वे कुल आबादी का लगभग 3% हैं। ड्रूज समुदाय के करीब डेढ़ लाख लोग इजरायल और इसके कब्जे वाले गोलान हाइट्स में रहते हैं। इजरायल की सेना में ड्रूज समुदाय के लोग ही सेवाएं देते हैं, इसलिए इजरायल में ड्रूज समुदाय को वफादार माना जाता है।
ड्रूज पर क्यों छिड़ा विवाद?
सीरिया में पिछले 14 साल से गृहयुद्ध चल रहा है, जिसके चलते ड्रूज समुदाय ने अपनी रक्षा के लिए साउथ सीरिया में खुद के मिलिशिया (सशस्त्र बल) गठित कर लिए, लेकिन असद सरकार के पतन के बाद नई सरकार साउथ सीरिया में अपना प्रभाव बढ़ा रही है। सुवेदा शहर पर कब्जा करके ड्रूज समुदाय पर राज करना चाहती है।
ड्रूज समुदाय सीरिया की नई सरकार के प्रयासों का विरोध कर रहे हैं। वहीं ड्रूज समुदाय सीरिया को लेकर 2 गुटों में बंटा है। एक गुट सुवेदा में सीरिया सरकार और सेना की मौजूदगी पर आपत्ति जताता है। ड्रूज समुदाय के लोगों के सीरिया की सेना में शामिल होने का विरोध करता है और सुरक्षा के लिए मिलिशिया पर निर्भर रहता है।
यह भी पढ़ें:इजरायल के हमले के बाद तुर्की आया सामने, सीरिया के राष्ट्रपति की लगाई क्लास
इजरायल भी ड्रूज समुदाय में बढ़ रहा प्रभाव
दूसरी ओर, इजरायल में ड्रूज समुदाय के डेढ़ लाख लोग रहते हैं, इसलिए इजरायल अल्पसंख्यकों के साथ गठबंधन करने के लिए साउथ सीरिया में रहने वाले ड्रूज समुदाय से संपर्क कर रहा है। इजरायल ने ड्रूज समुदाय की सीरिया की सेना से रक्षा करने का वादा किया है। सीरिया में सैन्य ठिकानों और सरकारी बलों पर हमला करके खुद को सीरिया में कुर्दों, ड्रूज और अलावाई लोगों समेत अल्पसंख्यकों के रक्षक के रूप में स्थापित कर रहा है।
इसलिए मई 2025 में जब ड्रूज समुदाय में सांप्रदायिक झड़पें हुईं तो इजरायल ने दमिश्क में राष्ट्रपति भवन के पास हमले किए और हमले की वजह ड्रूज समुदाय पर सीरिया के हमले को बताया। वहीं सीरिया और लेबनान में बसे ड्रूज समुदाय के नेताओं ने इजरायल पर आरोप लगाया कि वह सीरिया में ड्रूज समुदाय पर कब्जा करके अपने देश के विस्तार की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सांप्रदायिक दंगों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है।
यह भी पढ़ें:गाजा वालों के पास दो रास्ते ‘भूख से मरना या गोली खाना’, UNRWA प्रमुख ने इसे बताया ‘कब्रिस्तान’
सीरिया पर इजरायल ने क्यों किए ताजा हमले?
इजरायल को अपनी उत्तरी सीमा के पास गोलान हाइट्स पर इस्लामी लड़ाकों के घुसने का डर है। 13 जुलाई को ड्रूज समुदाय के एक व्यापारी का अपहरण हुआ, जिसके बाद साउथ सीरिया में ड्रूज मिलिशिया और सुन्नी बेडौइन लड़ाकों में झड़प हुई। 15 जुलाई को इजरायल ने विवाद में सैन्य हस्तक्षेप किया और ड्रूज समुदाय की रक्षा करने के लिए मदद का हाथ बढ़ाया। इजरायल की सेना सुवेदा में उन पर हमला करने के आरोपी सरकार समर्थक बलों को खत्म करने का प्रयास कर रही है।
15 जुलाई को इजरायल की कार्रवाई सुवेदा में सीरिया के सुरक्षा बलों और वाहनों को निशाना बनाने तक सीमित थे, लेकिन 16 जुलाई को इजरायल की सेना ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में रक्षा मंत्रालय और सीरियाई सेना मुख्यालय पर हमला किया।