Israel Hamas Conflict World War 3 Countdown Signs Middle East New Front: इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के बीच ने तीसरे विश्वयुद्ध के संकेत दिए हैं। दरअसल, इसकी जमीन पिछले साल यूक्रेन और रूस युद्ध ने तैयार की। उस दौरान भी दुनिया दो धड़ों में बंटी थी और अब इजराइल-हमास के बीच जारी जंग ने दुनिया का ध्यान मिडिल ईस्ट की तरफ मोड़ दिया है। कहा जा रहा है कि इजराइल और हमास के बीच जंग ने वर्ल्ड वॉर का नया फ्रंट तैयार कर दिया है। इस जंग में भी दुनिया के दो धड़ों में बंटने के बाद कहा जा रहा है कि कभी भी, किसी भी वक्त तीसरे विश्व युद्ध का सायरन बज सकता है।
तीसरे विश्वयुद्ध की आहट इसलिए क्योंकि इजराइल हमास के बीच जंग से पहले दुनिया में कुछ चुनिंदा वॉर फ्रंट थे। इनमें रूस Vs यूक्रेन, इजराइल Vs इरान, लीबिया Vs इजारइल, चीन Vs ताइवान, उत्तर कोरिया Vs दक्षिण कोरिया, नाइजर Vs फ्रांस, पोलैंड Vs बेलारूस, रूस Vs फिनलैंड और अर्मेनिया Vs अजरबैजान शामिल हैं। अब इनमें इजराइल Vs हमास का नया नाम जुड़ गया है।
दुनिया एक युद्ध का दंश महीने से झेल रही है। रूस-यूक्रेन में महीनों से जंग जारी है। रूस की तरफ से कई बार परमाणु हमले की चेतावनी भी जारी की जा चुकी है। अब इजराइल पर हमास के अकैट ने एक और जंग की शुरुआत कर दी है। अब इजराइल की हमास को खत्म करने की कसम के बाद तीसरे विश्व युद्ध की कयास फिर से लगाए जाने लगे हैं, क्योंकि कहा जाता है कि इजराइल के पास भी परमाणु मिसाइल है। परमाणु बम से लेस किसी देश पर ऐसा हमला किसी बहुत बड़े खतरे को बुलावा दे सकता है।
लेबनान की एंट्री ने घी में आग डालने वाला काम कर दिया
इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के बीच लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्ला की एंट्री ने आग में घी डालने वाला काम कर दिया है। दरअसल, इजराइल अपने कई दुश्मनों देशों से घिरा है। इनमें लेबनान भी एक है। इजराइल और लेबनान के बीच में उत्तरी हिस्से को लेकर विवाद है, जिस पर इजराइल का कब्जा है। उत्तरी हिस्से को लेबनान अपना बताता है। इसके अलावा, इजराइल एक तरफ से सीरिया से भी अपना बॉर्डर शेयर करता है। लेबनान के साथ-साथ सीरिया में भी हिजबुल्ला के आतंकियों का ठिकाना है, जिसे इरान की आर्मी सपोर्ट करती है।
ऐसे में जब इजराइल और फिलिस्तीन के बीच में जंग जारी है, तो इरान और लेबनान ने फिलिस्तीन को अपना समर्थन दिया है। लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्ला ने न सिर्फ समर्थन दिया है, बल्कि उसने तीन इजरायली ठिकानों पर दर्जनों रॉकेट और गोले भी दागे हैं। जानकारी के मुताबिक, हिजबुल्ला ने इजरायल के इलाकों में मिसाइल और मोर्टार से अटैक किया है। लेबनान की तरफ से दागी गईं मिसाइलें माउंट दोव क्षेत्र में गिरी। इजरायल ने भी लेबनान के इस हमले का जवाब दिया और कहा कि हमने लेबनानी के उन इलाकों पर अटैक किया है, जहां से गोलाबारी की गई थी।
एक तरफ जहां फिलिस्तीन, लेबनान और कुछ अन्य देश इजराइल को घेरने की कोशिश हो रही है, तो वहीं बहुत सारे देश ऐसे भी जो इजराइल के समर्थन में हैं। सोमवार को तो अमेरिका ने अपना जंगी बेड़ा भी इजराइल को सौंप दिया। इजराइल पर हमास के हमले की निंदा भारत के साथ-साथ फ्रांस, ब्रिटेन, यूक्रेन और जर्मनी जैसे देश कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने किया इजराइल का समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की निंदा कि है और इजराइल के साथ खड़े होने की बात कही है। पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि इजराइल में आतंकवादी हमलों की खबर से गहरा सदमा लगा है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। हम इस कठिन समय में इज़राइल के साथ एकजुटता से खड़े हैं। वहीं, फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने हमले को लेकर कहा कि
फ्रांस इजराइल और इन हमलों के पीड़ितों के साथ अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त करता है। ये आतंकवाद को पूरी तरह से खारिज करने और इजराइल की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
किसके साथ कौन खड़ा?
इजराइल के साथ- भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, अल्बेनिया, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, कनाडा, कोलंबिया, जॉर्जिया, हंगरी, इटली और यूक्रेन।
फिलिस्तीन के साथ- चीन, तुर्कीए, ईरान, पाकिस्तान, कुवैत, लेबनान और खाड़ी देशों का साथ मिल रहा है।
बता दें कि पिछले साल मई के बाद पहली बार शनिवार को गाजा पट्टी पर इजराइल में मिसाइलों की बरसात की। इसके बाद बरसों से सुलगते एक और फ्रंट पर जंग की शुरुआत हो गई। फिलहाल, दुनिया के वर्तमान वॉर फ्रंटों की बात करें तो इजराइल और हमास को लेकर चार देश ऐसे हैं, जिनमें जंग जारी है। बाकी के अन्य 14 देश ऐसे हैं, जिनमें टकराव की संभवना बनी रहती है। समय-समय पर हल्की झड़प भी हो जाती है।
वर्तमान वॉर फ्रंट की बात करें तो रूस और यूक्रेन के बीच पहले से ही जंग चल रही है। इजराइल और इरान का युद्ध कभी भी छिड़ सकता है। लीबिया में भी इजराइल को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।चीन और ताइवान के बीच भी आए दिन जंग की आहट सुनाई देती है। एक वॉर फ्रंट उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच खुला हुआ है। अफ्रीका के देश नाइजर में फ्रांस के खिलाफ बगावत भड़की हुई है। पोलैंड और बेलारूस के बीच भी कभी भी जंग शुरू हो सकती है। रूस और फिनलैंड के बीच भी बॉर्डर पर तनाव बरकार है। अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच भी जंग का माहौल है। इन वॉर फ्रंट के बीच कई ऐसे देश हैं, जो गुपचुप तरीके से परमाणु शक्ति को बढ़ा रहे हैं।
ईरान और इजराइल का टशन बहुत पुराना है
खाड़ी में ईरान और इजराइज का टशन यूं तो बहुत पुराना है, लेकिन जब से खबर आई है कि ईरान परमाणु बम बनाने की कोशिशों में जुटा है, तब से ईरान के खिलाफ इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मोर्चा खोल दिया है। इस बार तो नेतन्याहू ने खुली धमकी दी कि अगर ईरान को एटम बम बनाने से रोकने के लिए इजराइल किसी भी हद तक जा सकता है। मतलब साफ है दुनिया एक और जंग की तरफ बढ़ रही है।