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रिश्तेदार से फोन पर हिंदी में बात की, भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर को नौकरी से निकाला

Indian-American Engineer Fired: अमेरिका के अलबामा में एक भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर को अपने रिश्तेदार से हिंदी में बात करना भारी पड़ गया। पीड़ित की ओर से दर्ज कराए गए मामले को लेकर एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ित अलबामा में सीनियर सिस्टम इंजीनियर को पोस्ट पर तैनात था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हंट्सविले मिसाइल […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Aug 2, 2023 12:13
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Indian-American Engineer Fired, Anil Varshney, missile defence contractor, US state of Alabama
अनिल वार्ष्णेय, जिन्हें हिंदी में बात करने पर नौकरी से निकाल दिया गया। -फाइल फोटो

Indian-American Engineer Fired: अमेरिका के अलबामा में एक भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर को अपने रिश्तेदार से हिंदी में बात करना भारी पड़ गया। पीड़ित की ओर से दर्ज कराए गए मामले को लेकर एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ित अलबामा में सीनियर सिस्टम इंजीनियर को पोस्ट पर तैनात था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हंट्सविले मिसाइल रक्षा ठेकेदार पार्सन्स कॉर्पोरेशन के में सीनियर सिस्टम इंजीनियर अनिल वार्ष्णेय ने हाल ही में मामला दर्ज कराकर भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया। उसने बताया कि ऐसी कार्रवाई की वजह से उसे पिछले साल अक्टूबर में बेरोजगार होना पड़ा।

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AL.COM की सोमवार की रिपोर्ट के अनुसार, एक श्वेत सहकर्मी ने वार्ष्णेय को भारत में अपने मरणासन्न (मरने जैसी स्थिति) बहनोई के साथ फोन पर हिंदी में बात करते हुए सुना। वार्ष्णेय को 26 सितंबर, 2022 को उनके बहनोई केसी गुप्ता की ओर से मोबाइल पर वीडियो कॉल किया गया था। वे भारत में किसी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे थे। उन्होंने वार्ष्णेय को अलविदा कहने के लिए फोन किया था।

शिकायत में पीड़ित ने और क्या कहा?

पीड़ित की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा गया है कि जब बहनोई का कॉल आया तो स्थिति की गंभीरता को समझते हुए मैं एक खाली रूम में चला गया और वीडियो कॉल रिसीव कर लिया। अलबामा के उत्तरी जिले में जून में दायर किए गए मुकदमे के अनुसार, दोनों ने लगभग दो मिनट तक हिंदी में बात की, जब एक अन्य कार्यकर्ता ने वार्ष्णेय को रोका और पूछा कि क्या वह वीडियो कॉल पर थे? तो उन्होंने इसका जवाब हां में दिया।

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इसके बाद दूसरे कर्मचारी ने वार्ष्णेय को बताया कि कॉल की अनुमति नहीं है और वार्ष्णेय ने तुरंत फोन काट दिया। बहनोई केसी गुप्ता के निधन से पहले ये उन दोनों के बीच आखिरी बातचीत थी। मुकदमे में दावा किया गया है कि वार्ष्णेय पर आरोप लगाया कि उसने दूसरे कर्मचारी को हिंदी में धमकाया और उसकी ओर से आरोप लगाया गया कि भारतीय-अमेरिकी ने अपनी भाषा में गोपनीय जानकारी का खुलासा कर सुरक्षा उल्लंघन किया है।

मिसाइल डिफेंस एजेंसी ने किया ब्लैकलिस्ट

पीड़ित ने बताया कि कॉल न रिसीव करने वाली कोई पॉलिसी न होने के बावजूद बिना किसी जांच के उसे निकाल दिया गया और उसे भविष्य में मिसाइल डिफेंस एजेंसी में ब्लैकलिस्ट कर दिया गया, जिससे एमडीए और अमेरिकी सरकार के लिए उसका करियर खत्म हो गया।

बता दें कि वार्ष्णेय 1968 में अमेरिका चले गए थे और हंट्सविले में बस गए जहां वे अमेरिकी नागरिक बन गए। उनकी पत्नी शशि 1989 से नासा में काम कर रही हैं। वार्ष्णेय को एक बार सिस्टम इंजीनियरिंग में ईयर ऑफ द कॉन्ट्रैक्टर के रूप में सम्मानित भी किया गया था। उन्हें जमीन-आधारित मिसाइल रक्षा कार्यक्रम पर 5 मिलियन अमरीकी डालर की बचत के लिए एमडीए की सिफारिश का एक पत्र मिला था।

HISTORY

Written By

Om Pratap

First published on: Aug 02, 2023 12:11 PM

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