India Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव इतना गहरा हो गया है कि पूरी दुनिया इसको लेकर चिंतित है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस पहले ही इस बात को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं कि कहीं भारत-पाकिस्तान के बीच की परिस्थितियां कहीं परमाणु जंग में न बदल जाएं। पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है। इस आधार पर वह भारत को हर बार आंख दिखाता रहा है, लेकिन जब-जब उन्होंने भारत से सीधी टक्कर ली है, उन्हें मुंह की खानी पड़ी है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही बौखलाया पाकिस्तान कुछ ऐसा कदम उठा सकता है। ऐसे में आइए जान लेते हैं पाकिस्तान में कौन परमाणु हथियार लॉन्च करने का आदेश देता है। किस कमेटी के अंतर्गत यह फैसला लिया जाता है।
NCA का क्या काम?
पाकिस्तान की एनसीए (NCA) कमेटी पाकिस्तान की प्रमुख कमेटी है, जो परमाणु हथियार के इस्तेमाल के निर्णय लेती है। ताजा अपडेट है कि पाक पीएम शहबाज शरीफ ने NCA की बैठक बुलाई है। नेशनल कमांड अथॉरिटी को देश की उच्च नागरिक और सैन्य निकाय है। यह संस्था देश के परमाणु शस्त्रागार और सामरिक हथियारों के नियंत्रण, तैनाती और इस्तेमाल से संबंधित सभी निर्णयों के लिए जिम्मेदार होती है।
शहबाज द्वारा बुलाई गई मीटिंग भारत-पाक तनाव के बीच किसी बड़ी तैयारी की ओर इशारा करती है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत से बार-बार पाकिस्तान को मिल रही शिकस्त से पड़ोसी मुल्क परेशान है।
कहां है इस कमेटी का मुख्यालय?
NCA की स्थापना साल 2000 फरवरी में पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा हुई थी। इसका हेडक्वार्टर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित है। बता दें कि इस कमेटी का काम पाकिस्तान की रक्षा नीति और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखना है। इस कमेटी का उद्देश्य परमाणु हथियारों की कमांड और कंट्रोल प्रणाली को सुरक्षित और प्रभावी बनाए रखना। सामरिक निर्णयों में नागरिक और सैन्य नेतृत्व के बीच समन्वय सुनिश्चित करना है।
कौन-कौन कमेटी में शामिल?
पाकिस्तान की इस कमेटी की अध्यक्षता प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, गृह मंत्री, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर, थल सेना प्रमुख (Chief of Army Staff), वायु सेना प्रमुख (Chief of Air Staff), नौसेना प्रमुख (Chief of Naval Staff) और चीफ ऑफ जनरल स्टाफ के महानिदेशक करते हैं।
इनमें विदेश मंत्री इशाक डार, गृह मंत्री मोहसिन रजा नकवी, वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब, रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ, CJS जनरल सहिर शमशाद मिर्जा, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और नौसेना प्रमुख एडमिरल नवेद अशरफ निर्णय लेंगे। इस प्रक्रिया में निर्णय लेने के लिए मतदान किया जाता है। इसकी नीतियों को लागू करने के लिए रणनीतिक योजनाओं के प्रभारी जिम्मेदारी लेते हैं।
अंतिम निर्णय कौन लेता है?
बता दें कि प्रधानमंत्री ही इस कमेटी में अंतिम निर्णय लेने वाले होते हैं, लेकिन यह फैसला सामूहिक विचार-विमर्श और सलाह के बाद NCA के माध्यम से होता है। स्ट्रैटेजिक प्लान डिवीजन (SPD), NCA के अधीन काम करता है और हथियारों की सुरक्षा, तैनाती और तकनीकी नियंत्रण को संभालता है।
SPD को समझें
यह एक सरकारी संगठन है, जो पाकिस्तान में हथियारों के प्रबंधन और सुरक्षा की देखरेख करता है। इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी (वर्तमान में यूसुफ जमाल) द्वारा किया जाता है। हालांकि, पहले NCA की अध्यक्षता पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा की जाती थी। मगर साल 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को इसकी अध्यक्षता सौंप दी थी। इस फैसले के पीछे कारण पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की अंदरुनी राजनीति या सैन्य और राष्ट्रपति जरदारी के बीच का तनाव भी हो सकता है।
NCA के प्रमुख कार्य
एनसीए के मुख्य कामों में परमाणु हथियारों की निगरानी और उसके उपयोग के निर्णय लेना है। बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों की तैनाती करवाना और देखरेख करना भी कमेटी के अंदर आता है। परमाणु हथियारों की सुरक्षा और उपयोग के फैसले भी एनसीए द्वारा लिए जाते हैं।
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