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युद्ध होने पर ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल के आगे ढेर होगा पाकिस्तान, लाहौर से लेकर बलूचिस्तान तक मचेगी तबाही

India-Pakistan Tension: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दुनिया की सबसे विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की उत्पादन इकाई का शुभारंभ किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिजिटल माध्यम से इसका शुभारंभ किया है। इसके बाद से लोगों में ‘ब्रह्मोस’ के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ गई है।

Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: May 11, 2025 16:57
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Indian Brahmos missile

India-Pakistan Tension: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में डिजिटल माध्यम से दुनिया की सबसे विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की उत्पादन इकाई का शुभारंभ किया है। इसके बाद से लोगों में ‘ब्रह्मोस’ के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ गई है। लोग ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल को लेकर सर्च कर रहे हैं। आइए आपको बताते हैं पाकिस्तान को चारों खाने चित करने वाले ‘ब्रह्मोस’ की खासियत क्या है।

जल, थल और वायु से करती है वार

‘ब्रह्मोस’ एक लंबी दूरी सुपरसोनिक क्रुज मिसाइल प्रणाजी है। बताया जाता है कि इस मिसाइल को जमीन, समुंद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है। ‘ब्रह्मोस’ को Defence Research and Development Organisation (DRDO) और रूस के नैटिक पॉलीमर्स एंड ऑर्गनिक्स (NPOM) के संयुक्त उद्यम के तहत विकसित किया गया है। इस प्रणाली के एंटी-शिप और लैंड अटैक भूमिकाओं के लिए दो वैरिएंट के साथ डिजाइन किया गया है। इस मिसाइल को भारतीय नौसेना के साथ-साथ भारतीय सेना में भी शामिल किया गया है।

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भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा हथियार

‘ब्रह्मोस’ को भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा हथियार बताया जाता है। यह मिसाइल सैल्वो मोड में हथियार को अलग-अलग दिशाओं में 2-2.5 सेकेंड के अंतराल में लॉन्च किया जा सकता है। सेना के मुताबिक, 8 ‘ब्रह्मोस’ मिसाइलों का एक ग्रुप आधुनिक एंटी-मिसाइल सुरक्षा वाले लक्ष्यों के समूह को भेदकर पूरी तरह से नष्ट कर सकता है। बताया जाता है कि अगर युद्ध होता है तो अकेली ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल ही लाहौर से बलूचिस्तान तक तबाही मचा सकती है।

‘ब्रह्मोस’ को नहीं भेद पाया पाकिस्तान

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पहलगाम हमले के बदला लेने के लिए भारतीय सेना पाकिस्तान के कई प्रमुख वायुसेना ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। रिपोर्ट की बात मानें तो इस हमले में ‘ब्रह्मोस’ सुपरसोनिक क्रुज मिसाइल, SCALP और आधुनिक एयर लॉन्च प्रिसीजन हथियारों का इस्तेमाल किया गया है। यह पहली बार है कि जब ‘ब्रह्मोस’ को वास्तविक युद्ध में उपयोग किया जा सकता है। जवाबी हमले में पाकिस्तान के स्कार्दू, मूरिद, रफीकी, नूर खान, चूनियां, सुक्कुर जैसे एयरबेस और सियालकोट व पंसूर के ठिकानों को नुकसान पहुंचाया था।

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दुश्मन के रडार से बचकर लगाता है निशाना

‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर और गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है। यह मिसाइल जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है। यह ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर काम करती है, जिससे यह दुश्मन के रडार से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है।बताया जाता है कि ‘ब्रह्मोस’ खतरा भांपते ही अपने रास्ते को बदल देता है। इसकी यही खासियत इसे दूसरे हथियारों से अलग बनाती है।

पाकिस्तान का अब्दाली, फतह-1 और 2 बेअसर

बताया जाता है कि पाकिस्तान के पास अब्दाली, फतह-1 और 2 नाम की मिसाइलें है। पाक का दावा है कि इन मिसाइलों की मारक क्षमता 250-400 किलोमीटर की है। पाकिस्तान ने इन्हीं मिसाइलों से भारत के अलग-अलग शहरों पर हमला किया था, लेकिन इंडियन आर्मी ने इसे नाकाम कर दिया था।

First published on: May 11, 2025 04:26 PM

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