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H-1B वीजा फीस पर नया अपडेट, ट्रंप सरकार ने वेबसाइट पर अपलोड किया ऑफिशियल मैन्युअल

H-1B Visa Fee New Update: अमेरिका की ट्रंप सरकार ने H-1B वीजा की नई फीस का ऑफिशियल FAQ मैन्युअल वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है, जहां से फीस से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे. ट्रंप सरकार ने वीजा की फीस एक लाख डॉलर तक बढ़ाकर आदेश को लागू कर दिया है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Sep 22, 2025 08:07
H-1B Visa | Donald Trump | US President
अमेरिका ने H-1B वीजा की फीस एक लाख डॉलर बढ़ा दी है.

H1B Visa Fee New Update: अमेरिका ने H-1B वीजा की नई फीस से संबंधित ऑफिशियल मैन्युअल वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. अमेरिका के US सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज ने H-1B वीजा के नए नियमों की नियमावली वेबसाइट पर प्रकाशित की है. ऐसे में अब H-1B वीजा की नई फीस ऑफिशियली लागू हो गई है. नियमावली में सामान्य रूप से H-1B वीजा की नई फीस को लेकर बार-बार पूछे जाने वाले सवालों का जवाब है और 21 सितंबर 2025 की रात 12:01 बजे (EST) के बाद किए जाने वाले H-1B वीजा आवेदन के साथ 100,000 डॉलर फीस देने का आदेश है.

क्या है अमेरिका का H-1B वीजा?

बता दें कि अमेरिका की सरकार टेक, इंजीनियरिंग और साइंस सेक्टर के प्रोफेशनल्स को दूसरे देशों में नौकरी करने के लिए H-1B वीजा देती है, जिसके तहत वे जब तक चाहे दूसरे देश में इंटरनेशनल कंपनियों में नौकरी कर सकते हैं. यह वीजा दूसरे देशों के प्रोफेशनल्स के साथ-साथ अमेरिका के प्रोफेशनल्स को भी दिया जाता है. वीजा की फीस उन्हें हायर करने वाली कंपनी सरकार भरती है , जिसमें बेसिक फीस के साथ-साथ अतिरिक्त फीस और प्रीमियम प्रोसेसिंग फीस भी शामिल है. अमेरिका में वर्तमान समय में भारत के करीब 70 प्रतिशत H-1B वीजा धारक हैं, जो अलग-अलग कंपनियों में कार्यरत हैं.

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यह भी पढ़ें: ट्रंप का भारत को एक और झटका, टैरिफ-H1B वीजा फीस के बाद 1 अक्टूबर से देना होगा ये नया टैक्स

क्या है वीजा फीस पर नया फैसला?

बता दें कि अमेरिका की ट्रंप सरकार ने 20 सितंबर 2025 को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी करके H-1B वीजा की फीस एक लाख डॉलर प्रति वर्ष बढ़ा दी. यह फीस 21 सितंबर 2025 से लागू भी हो गई है, जिसका सबसे ज्यादा असर भारत पर पड़ रहा है. वहीं सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि नई वीजा फीस नए आवेदकों को देनी होगी, पुराने वीजा धारकों पर यह फीस लागू नहीं होगी.

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हालांकि अमेरिका और भारत की इंटरनेशनल कंपनियों ने वीजा फीस बढ़ाने के फैसले का विरोध किया है. भारत ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है लेकिन ट्रंप सरकार ने स्पष्ट किया है कि अमेरिकी प्रोफेशनल्स को प्राथमिकता देने, बेरोजगारी को कम करने और प्रवासियों की संख्या घटाने के लिए फीस बढ़ाई है. साथ ही सरकार का मकसद रेवेन्यू कमाना है, ताकि व्यापार घाटे को कम किया जा सके.

First published on: Sep 22, 2025 07:47 AM

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