‘Sone Ka Chawal’ Controversy : दुनिया में गोल्डन राइस के उत्पादन को लेकर विवाद चल रहा है। गोल्डन राइस जीएम तकनीक से बनी धान की एक किस्म है, जिसका रंग हल्दी जैसा है। इस धान की किस्म में पर्याप्त मात्रा में विटामिन-ए मौजूद है। फिलीपींस की एक अदालत ने गोल्डन राइस के उत्पादन पर रोक लगा दी है। अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) और कृषि विभाग-फिलीपींस चावल अनुसंधान संस्थान (PhilRice) ने दो दशक में इस बायो फोर्टिफाइड अनाज को विकसित किया।
क्यों जरूरी है विटामिन-ए
लोगों के अंदर विटामिन-ए बहुत जरूरी है। विटामिन-ए आंखों की रोशनी को बनाए रखने, हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती, खून में कैल्सियम का स्तर सही बनाए रखने में मदद करने के साथ ही शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। इंसान के अंदर खुद विटामिन-ए नहीं बनता है। इसकी कमी को पूरा करने के लिए लोग दूध, नॉनवेज और लाल, नारंगी, पीले रंग की सब्जियों एवं फलों का सेवन करते हैं। इन चीजों में मौजूद बीटा कैरोटिन को विटामिन-ए में बदला जाता है।
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फिलीपींस में क्यों लगी रोक
गोल्डन राइस विवाद और विरोध के जाल में उलझा जा रहा है। छोटे किसानों और पर्यावरण समूहों सहित आलोचकों का कहना है कि गोल्डन राइस के उत्पादन से पारंपरिक कृषि पद्धतियां बाधित हो सकती हैं, जैव विविधता को खतरा पहुंच सकता है। इस बीच फिलीपींस की एक अदालत ने कमर्शियल प्रोडक्शन के लिए बॉयो सेफ्टी को रद्द करके गोल्डन राइस के उत्पादन को बड़ा झटका दिया है।
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गोल्डन राइस के उत्पादन पर छाया संकट
ग्रीनपीस जैसे ग्रुप ने अदालत के इस फैसले को अपनी जीत मानी है। ये ग्रुप कृषि में आनुवंशिक रूप से परिवर्तित जीव (जीएमओ) के प्रसार के खिलाफ अभियान चला रहा था। अब सुनहरे चावल के उत्पादन पर संकट छा गया।