Gold Coast University Hospital News: हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि रोजमर्रा के काम कर पाने में शारीरिक रूप से सक्षम होना भी एक उपलब्धि है। हम बात करते हैं, चहलकदमी करते हैं और खाना खाते हैं। लेकिन हमें अंदाजा ही नहीं होता कि यह भी किसी उपलब्धि से कम नहीं है। जब तक कि हमें ये पता नहीं चलता कि कोई दूसरा व्यक्ति यह कर पाने में भी सक्षम नहीं है।
ये भी पढ़ेंः पहले आगजनी, फिर भारी बारिश और अब ब्लैकआउट… अव्यवस्थाओं के कारण चर्चा में है पेरिस
ऑस्ट्रेलिया की गोल्ड कोस्ट यूनिवर्सिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। डॉक्टरों की कोशिश के बाद एक आदमी 35 बरस बाद गिलास से पानी पीने में सक्षम हो पाया है। इस मौके का इमोशनल मोमेंट अस्पताल ने कैप्चर कर लिया, जिसे शैनन फेंटीमैन ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया।
Neville couldn’t drink a glass of water for 35 years.
---विज्ञापन---Watch that all change thanks to a groundbreaking incisionless surgery at Gold Coast University Hospital. pic.twitter.com/ps3YUZb3XA
— Shannon Fentiman (@ShannonFentiman) July 8, 2024
बिना चीर फाड़ वाली सर्जरी
ऑस्ट्रेलिया की लेबर पार्टी की सांसद और स्वास्थ्य मंत्री शैनन फेंटीमैन ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ‘नेविल 35 साल तक सामान्य तौर पर गिलास से पानी नहीं पाते थे। लेकिन गोल्ड कोस्ट यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों का शुक्रिया, जिन्होंने बिना चीर फाड़ वाली सर्जरी से नेविल का जीवन बदल दिया।’
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया का यह अस्पताल ब्रेन में लगने वाले झटकों की एडवांस टेक्नोलॉजी के जरिए बिना चीर फाड़ के सर्जरी करने वाला पहला सरकारी अस्पताल बन गया है। इस सर्जरी में एमआरआई टेक्नोलॉजी के जरिए मस्तिष्क के उस हिस्से की पहचान की जाती है जिसकी वजह से ब्रेन में डिसऑर्डर पैदा होता है। इसके बाद इलाज किया जाता है।
कैसे होता है इलाज
इलाज की प्रक्रिया में डॉक्टर मस्तिष्क की असामान्य गतिविधि को बाधित करते हैं। इससे डिसऑर्डर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। और मरीज को दिमाग में लगने वाले झटकों को मैनेज करने में मदद मिलती है।
नेविल ने एक्स अकाउंट पर अपना अनुभव शेयर करते हुए लिखा, ‘एमआरआई के बाद जैसे ही मैं बाहर आया। उन लोगों ने मेरे सामने पानी का गिलास रख दिया। 35 साल तक मैं गिलास से पानी नहीं पी पाता था। लेकिन इस बार बिना कांपे पानी का गिलास उठा लिया। ये एक शानदार अनुभव था। डॉक्टरों, अस्पताल और सरकार का मेरी जिंदगी को बदलने के लिए शुक्रिया।