Man Locked 2 Year Old Daughter in Car: अकसर मां-बाप बच्चों को कार में छोड़कर शॉपिंग करने चले जाते हैं, लेकिन एक पिता को ऐसा करना महंगा पड़ गया। वह अपनी 2 साल की बेटी को कार में लॉक करके चला गया और प्ले स्टेशन खेलने में बिजी हो गया। कार की गर्मी से बच्ची के शरीर का तापमान 109.9 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच गया। उसका शरीर झुलसने लगा और उसने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
घर आई मां को जब बच्ची नजर नहीं आई तो मां ने उसके बारे में पूछा, तब पिता को याद आया कि वह कार में छूट गई। वह दौड़कर बच्ची को कार से निकालने गए, लेकिन उसकी अधजली लाश मिली। घटना अमेरिका के एरिजोना की है और आरोपी का नाम 37 वर्षीय क्रिस्टोफर स्कोल्टेस है। वहीं मरने वाली बच्ची की पहचान 2 साल की पार्कर स्कोल्टेस के रूप मे हुई। पुलिस ने उसके पिता को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया है।
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इंजन और एयर कंडीशन चालू करके कार में छोड़ी बच्ची
डेलीमेल डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिस्टोफर ने पुलिस को बयान दिया कि जब वह घर पहुंचा तो पार्कर पिछली सीट पर सो रही थी। वह उसे जगाना नहीं चाहता था, इसलिए उसने गर्मी के बावजूद उसे कार में ही छोड़ने का फैसला किया। करीब 3 घंटे तक वह कार में रही और क्रिस्टोफर वीडियो गेम खेलने में बिजी हो गया। 9 जुलाई की घटना है और गत एक अगस्त को ही ग्रैंड जूरी ने आरोपी क्रिस्टोफर को हत्या और बाल दुर्व्यवहार का दोषी पाया।
एरिजोना के माराना पुलिस स्टेश में दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया कि क्रिस्टोफर के 2 और बच्चे हैं, जिनकी उम्र 9 साल और 5 साल है। क्रिस्टोफर बच्चों के प्रति लापरवाह है और वह अकसर बच्चों को कार में ही छोड़ देता था। वहीं पूछताछ में क्रिस्टोफर स्कोल्टेस ने पुलिस को बताया कि उसने पार्कर को कार के अन्दर इंजन और एयर कंडीशन चालू करके छोड़ा था और वह करीब 3 घंटे तक कार में ही सोती रही, लेकिन उसे नहीं पता था कि ऐसा खौफनाक हादसा हो जाएगा।
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आरोपी की पत्नी ने हादसे को मानवीय भूल बताया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, क्रिस्टोफर की पत्नी एरिका स्कोल्टेस डॉक्टर हैं। जब वे घर आईं और पति से पूछा कि पार्कर कहां है? तब मामले का खुलासा हुआ। बच्ची को कार में छोड़ने को लेकर दोनों के बीच बहस भी हुई, लेकिन बच्ची दम तोड़ चुकी थी। पुलिस ने सबूतों के तौर पर प्ले स्टेशन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स अपने कब्जे में ले लिए हैं। आरोपी क्रिस्टोफर ने पुलिस को बताया कि वह पार्कर के साथ लगभग 2.30 बजे घर पहुंचा, लेकिन पुलिस जांच में उसके झूठ का पर्दाफाश हो गया।
पड़ोसियों के CCTV कैमरे चेक करने पर पता चला कि वह करीब एक बजे घर पहुंच गया था। करीब सवा 4 बजे दोनों को बच्ची बेहोशी की हालत में मिली। उसका शरीर अधजला था और उसकी सांसें थम रही थी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। एनेस्थिसियोलॉजिस्ट एरिका स्कोल्टेस ने अपनी बेटी की मौत को एक ‘बड़ी गलती’ बताया और ट्यूस्कॉन के न्यायाधीश से अनुरोध किया कि वे उनके पति को हिरासत में रखने के फैसले पर पुनर्विचार करें।
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