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Explainer: असीम मुनीर के अमेरिका दौरे के क्या मायने हैं? पाकिस्तान को इतना भाव क्यों दे रहे ट्रंप

Explained Asim Munir America visit: भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अमेरिका ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को US Army Day के अवसर पर विशेष निमंत्रण भेजा और उन्हें VIP ट्रीटमेंट दिया गया। बड़ा सवाल यह है कि आखिर पाकिस्तान को इतना भाव क्यों दे रहे यूएस प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप? वहीं, असीम मुनीर के अमेरिका दौरे के क्या मायने हैं?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Vijay Updated: Jun 12, 2025 13:55
Donald Trump, Asim Munir
Donald Trump, Asim Munir

Explained Asim Munir America visit: अमेरिका के दिल में अचानक पाकिस्तान के लिए फिर से प्यार जाग उठा है। 14 जून को अमेरिकी सेना के 250वें स्थापना दिवस में शामिल होने के बहाने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर को अमेरिका बुलाया गया और उनका जोरदार स्वागत किया गया। सवाल उठता है कि ऐसे संवेदनशील वक्त पर अमेरिका ने पाकिस्तान की ओर दोस्ती का हाथ क्यों बढ़ाया?

ऑपरेशन सिंदूर का असर

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निशाना भले ही पाकिस्तान में स्थित आतंकी अड्डे या कई अहम एयरबेस रहे, लेकिन इसकी गूंज वॉशिंगटन तक पहुंची। पाकिस्तान को इससे सामरिक और कूटनीतिक नुकसान भी हुआ। अमेरिका का मुनीर को आमंत्रित करना पाकिस्तान के साथ संबंधों को फिर से मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। दक्षिण एशिया में अपने प्रभाव को बनाए रखना भी ट्रंप की एक रणनीति हो सकती है।

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अमेरिकी हथियारों को नुकसान का दावा

ऑपरेशन सिंदूर के लिए पाकिस्तान के जकोबाबाद और सरगोधा जैसे एयरबेस पर हमला हुआ तो वहां अमेरिका के F-16 फाइटर जेट्स को भी नुकसान पहुंचने के दावा किया गया, हालांकि इस बात की भारतीय सेना ने पुष्टि नहीं की। इस वजह से भी हताश पाकिस्तान ने अमेरिकी से दूरी बनाई थी। क्या इस दूरी को खत्म करने के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान को फिर से गले लगाने की रणनीति अपनाई है? वहीं, अमेरिका को पाकिस्तान के रास्ते फिर से अफगानिस्तान में प्रभाव जमाने की जरूरत है।

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भारत के साथ, पाकिस्तान के खिलाफ नहीं

अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत के साथ है, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ नहीं है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के चीफ जनरल माइकल कुरिल्ला ने माना है कि पाकिस्तान की मदद के बिना ISIS के खतरे के खिलाफ लड़ा नहीं जा सकता। यह आतंकी संगठन अभी भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान में सक्रिय है। दरअसल, अमेरिका ना भारत को नाराज करना चाहता है और ना पाकिस्तान को खोना। बस अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान बैलेंस बनाए रखे और पूरी तरह चीन की गोद में न बैठे।

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पाकिस्तान को बुलाने का असली मकसद

आसिम मुनीर को भले ही अमेरिकी सेना के 250वें स्थापना दिवस के बहाने बुलाया गया हो, लेकिन अमेरिका का मकसद कुछ और है। पेंटागन में होने वाली बैठक में सुरक्षा सहयोग, खुफिया जानकारी साझा करने और सैन्य सौदों को लेकर गहन वार्ता की जाएगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका जिन मुद्दों पर पाकिस्तान की मदद चाहता है, उनमें तालिबान के खिलाफ कड़ा रुख, चीन संग रिश्ते या आतंकी संगठनों के खिलाफ इनपुट शामिल है। वहीं, बदले में पाकिस्तान को भी अमेरिका से हथियारों में मदद की दरकार है।

अमेरिकी हथियार भारत के खिलाफ

पाकिस्तान को मिले अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल हमेशा ही भारत के खिलाफ हुआ है। ताजा मामला F-16 को लेकर है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान F-16 का इस्तेमाल भारत के खिलाफ ही हुआ। भारत ने पहले काफी बार अमेरिका से अपील की थी कि F-16 पाकिस्तान को न दिए जाएं, इसके बावजूद अमेरिका ने पाकिस्तान को हथियार दिए। रक्षा उपकरणों के नुकसान के साथ अमेरिकी टेक्नोलॉजी पर सवाल भी उठे।

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First published on: Jun 12, 2025 01:16 PM

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