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‘भारत बातचीत की टेबल पर…’, अमेरिका संग व्यापार वार्ता से पहले ट्रंप के करीबी नवारो का बड़ा दावा

भारत और अमेरिका मंगलवार को नई दिल्ली में व्यापार वार्ता करने जा रहे हैं. व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि भारत बातचीत की टेबल पर आ रहा है. भारत-अमेरिका के बीच यह वार्ता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय निर्यात पर दंडात्मक शुल्क लगाने के कुछ हफ़्ते बाद हो रही है, जिससे अगस्त में देश का निर्यात नौ महीने के निचले स्तर पर पहुँच गया था.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : News24 हिंदी Updated: Sep 15, 2025 20:50
फोटो- सोशल मीडिया

India US Trade Deal: अमेरिका से टैरिफ वॉर के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और व्यापार सलाहकार पीटर नवारो भारत विरोधी बयानों के लिए लगातार चर्चा में बने हुए हैं. इस बीच व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक और नया दावा किया है. उन्होंने कहा है कि भारत मंगलवार को नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच होने वाली व्यापार वार्ता से पहले “बातचीत की टेबल पर आ रहा है”, जैसा कि समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सीएनबीसी के एक इंटरव्यू का हवाला देते हुए बताया है.

भारत-अमेरिका के बीच यह वार्ता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय निर्यात पर दंडात्मक शुल्क लगाने के कुछ हफ़्ते बाद हो रही है, जिससे अगस्त में देश का निर्यात नौ महीने के निचले स्तर पर पहुँच गया था.

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भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है. व्यापार आँकड़े जारी करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “भारत और अमेरिका व्यापार वार्ता को ‘तेज़ गति’ देंगे,” लेकिन उन्होंने इस मामले में और अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया.

बता दें कि एक हफ़्ते पहले, व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने कहा था कि भारत को अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में किसी न किसी मोड़ पर आना ही होगा, वरना यह दिल्ली के लिए “अच्छा नहीं होगा”. नवारो ने ‘रियल अमेरिकाज़ वॉयस’ शो को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत सरकार उनसे नाराज है और उन्होंने भारत को टैरिफ का ‘महाराजा’ बताया.

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यह भी पढ़ें- US में भारतीय की बेरहमी से हत्या पर क्या बोले ट्रंप? अवैध प्रवासियों को लेकर दिया बयान

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन यह बिल्कुल सच है. दुनिया के किसी भी बड़े देश की तुलना में अमेरिका के ख़िलाफ़ उनके टैरिफ़ सबसे ज़्यादा हैं. हमें इससे निपटना होगा.” उन्होंने आगे कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले भारत ने मास्को से कभी तेल नहीं ख़रीदा था, “सिवाय इसके कि बहुत कम मात्रा में तेल खरीदा जाए.”

उन्होंने कहा, “और फिर वे मुनाफाखोरी के इस तरीके में लग जाते हैं, रूसी रिफाइनर भारतीय जमीन पर आकर मुनाफाखोरी करते हैं,” और अमेरिकी करदाताओं को संघर्ष के लिए और ज़्यादा पैसा भेजना पड़ता है.

First published on: Sep 15, 2025 07:09 PM

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