Dalai Lama: बुधवार को तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने उत्तराधिकारी को लेकर बयान दिया है। उनके बयान के बाद नए दलाई लामा को चुनने में चीन की भूमिका साफ हो गई है। दरअसल, तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा है कि ‘केवल उनका बनाया गया गदेन फोडरंग ट्रस्ट ही भविष्य के पुनर्जन्म को मान्यता दे सकता है। किसी और को इस मामले पर फैसला लेने का अधिकार नहीं है। आध्यात्मिक गुरु के इस बयान के बाद चीन की इस मामले में दखलअंदाजी को खारिज कर दिया गया है।
दलाई लामा ने बताया कैसे होगा चुनाव
दलाई लामा के उत्तराधिकारी को कैसे चुना जाएगा, इसके लिए अभी तक अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन दलाई लामा ने चयन प्रक्रिया को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, दलाई लामा ने कहा कि ‘आने वाले नए दलाई लामा को कैसे चुना जाएगा, इसकी प्रक्रिया 24 सितंबर 2011 के बयान में बताई गई है। उत्तराधिकारी का चयन करने की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ ‘गादेन फोडरंग ट्रस्ट’ और दलाई लामा के ऑफिस के लोगों को ही दी जाएगी।’
ये भी पढ़ें: पीएम मोदी क्यों जा रहे हैं घाना? भारत के लिए कितनी अहम ये यात्रा; क्या होगा फायदा
उन्होंने कहा कि ‘इसके लिए उन्हें तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अलग-अलग प्रमुखों और विश्वसनीय शपथबद्ध धर्म रक्षकों से बात करनी होगी। वह सभी दलाई लामाओं की वंशावली से जुड़े हुए हैं। वह पिछली परंपरा के मुताबिक, खोज और मान्यता की प्रक्रियाओं को पूरा करेंगे।’
लोगों के लिए किया फैसला
दलाई लामा ने पिछले 14 सालों में कभी भी अपनी संस्था को जारी रखने को लेकर कोई पब्लिक में बयान नहीं दिया। सभी ने इस संस्था को चालू रखने की अपील की थी। दलाई लामा ने कहा कि ‘इसको जारी रखने के लिए मुझे बहुत से लेटर मिले, जिनमें तिब्बत की आध्यात्मिक नेताओं, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सदस्यों, गैर सरकारी संगठनों, हिमालयी क्षेत्र के बौद्धों, मंगोलिया, रूसी संघ के बौद्ध गणराज्यों और चीन का नाम शामिल है।
इसके अलावा, कई चैनलों के जरिए भी तिब्बतियों ने इसको जारी रखने की अपील की थी।’ दलाई लामा ने कहा कि ‘इन सभी को देखते हुए मैं पुष्टि कर रहा हूं कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी।’
ये भी पढ़ें: दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर होगा फैसला, जानें कैसे होता है इसका चुनाव?