पीएम मोदी चीन के तियानजिन शहर में SCO की बैठक में शामिल हुए हैं। यहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसकी जानकारी साझा की है। उन्होंने ट्रंप ट्रैरिफ पर कहा कि दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों के बारे में बात की है। जाहिर है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के बारे में दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है। दोनों नेताओं ने इसके अलावा अन्य मुद्दों पर भी बात की है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पीएम मोदी ने सीमा पर आतंकवाद को लेकर लेकर भी चीन के राष्ट्रपति से बात की है। इस पर शी जिनपिंग ने कहा कि चीन हर मोर्च पर भारत के साथ है। यह मुद्दा काफी गंभीर है और चीन हर तरह से भारत के साथ है। विदेश सचिव ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी जल्द शुरू करने पर सहमति बनी है। जल्द ही ये उड़ानें शुरू कर दी जाएंगीं।
PM मोदी ने शी जिनपिंग को किया आमंत्रित
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बैठक पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को 2026 में भारत द्वारा आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया। राष्ट्रपति शी ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के लिए चीन के पूर्ण समर्थन की पेशकश की।
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मतभेदों को विवाद में नहीं बदलने देंगे
विदेश सचिव ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संबंधों के निरंतर और सुचारू विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सद्भाव की आवश्यकता पर बल दिया। मोदी और शी का मानना था कि भारत और चीन के बीच मतभेदों को विवाद में नहीं बदलने देना चाहिए।
ताइवान पर भारत की स्थिति में कोई बदलाव नहीं
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि ताइवान पर भारत की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। चीन यात्रा पर प्रधानमंत्री ने सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस विशेष मुद्दे पर चीन का समर्थन मांगा। जैसा कि मैंने कहा, चीन ने इस मुद्दे के समाधान पर विभिन्न तरीकों से अपना समर्थन बढ़ाया है।
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