नई दिल्ली: चीन की फितरत हमेशा से ही संदिग्ध रही है। बीते दिनों जी-20 सम्मेलन (G20 Summit) के शुरू होने से पहले ऐसी दो हरकतें सामने आ चुकी हैं। एक तो इस सम्मेलन की तैयारियों के बीच चीन ने एक तो भारत के कई हिस्सों को अपने नक्शे में दिखा डाला और दूसरा यहां सम्मेलन से ठीक एक दिन पहले सुरक्षा जांच के दौरान पड़ोसी मुल्क के प्रतिनिधिमंडल ने खासी नौटंकी की। हालांकि इस नौटंकी के बाद चीन का एक नागरिक दूतावास वापस लौट गया। अब सवाल यह है कि आखिर उस सूटकेश में ऐसा क्या था, जिसकी चेकिंग का विरोध करते हुए चीनियों ने पूरे 12 घंटे माहौल खराब करने की कोशिश की। क्या जिनपिंग का वह करीबी (सूटकेश के साथ वापस लौटा) यहां जासूसी करने तो नहीं आया था। बहरहाल, यह पहेली-पहेली ही है।
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8 सितंबर को बाकी बैगेज से बड़े साइज के सूटकेश में कुछ संदिग्ध होने की आशंका जताई थी होटल स्टाफ के कर्मचारी ने
सवालों के घेरे में घिरी यह हालिया घटना 8 सितंबर को दिल्ली के ताज होटल की है। ध्यान रहे, वैसे तो सुरक्षा जांच में तैनात टीम को प्रतिनिधिमंडल के साज-ओ-सामान (Diplomatic Baggage) के संबंध में निर्देश काफी साफ थे, लेकिन एक सूटकेश के साइज को लेकर अचानक शक पैदा हो गया। सूत्रों के मुताबिक रूम विजिट में होटल स्टाफ के एक कर्मचारी ने एक सूटकेश में कुछ संदिग्ध होने की बात कही। इसे चेक करने की कोशिश की गई तो चीनी प्रतिनिधि विरोध करने लग गए। सीनियर अफसरों तक बात पहुंचने के बाद सूटकेश को स्कैनर मशीन से चेक करने के लिए कहा गया, लेकिन उस सूटकेश की, खासकर उसके अंदर मौजूद संदिग्ध चीज की चेकिंग नहीं कराने के लिए चीनी डिप्लोमेटिक्स अड़े ही रहे। थोड़ी-बहुत देर नहीं, बल्कि पूरे घंटे इस मसले की वजह से होटल में खासा हंगामा हुआ।
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बाद में डिप्लोमेटिक प्रोटोकॉल के मद्देनजर सुरक्षाकर्मियों ने उस सूटकेश को अंदर ले जाने की अनुमति दे ही दी। हालांकि विवाद इतना हो चुका था कि दाल नहीं गलती देख चीनी प्रतिनिधिमंडल में से एक प्रतिनिधि होटल के अंदर जाने की बजाय दूतावास वापस लौट गया, तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। इतना ही नहीं गजब तो इस बात का भी हो गया कि चीनी प्रतिनिधिमंडल ने अपने लिए प्राइवेट इंटरनेट कनेक्शन की मांग कर डाली। यह अलग बात है कि होटल प्रबंधन ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया। उस सूटकेश में क्या था कुछ नहीं पता?
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सीक्रेट एजेंसी के अधिकारी ने कही ऐसी बात
यह सवाल उस वक्त और गहरा जाता है, जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस शिखर सम्मेलन में नहीं आने पर गौर करते हैं। हालांकि साफ तौर पर नहीं कहा सकता, लेकिन इस आशंका से इनकार भी नहीं किया जा सकता कि विवाद की वजह बने और फिर चीनी दूतावास वापस लौटा दिए गए उस सूटकेश में जरूर कोई सर्विलांस सेटअप था। इस मामले को लेकर सीनियर्स को भेजी एक सीक्रेट रिपोर्ट में एक अधिकारी ने बताया है कि इस तरह के उपकरणों का इस्तेमाल आम तौर पर सिक्योर कम्युनिकेशन चैनलों को रोकने के किया जाता रहा है।