Cambodia Thailand Conflict: कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद पर चर्चा के लिए देर रात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक हुई। बैठक कंबोडिया के अनुरोध पर बुलाई गई थी, जिसमें कंबोडिया ने तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम की मांग की। वहीं थाईलैंड ने आधिकारिक तौर पर एक पत्र सौंपा, जिसमें यह प्रमाण दिया गया कि कंबोडिया ने ही संघर्ष की शुरुआत की थी। कंबोडिया की युद्धविराम की मांग पर थाईलैंड का मानना है कि तीसरे पक्ष की मध्यस्थता (जैसे अमेरिका, चीन या मलेशिया) उसे स्वीकार नहीं और उसके अनुसार समाधान केवल द्विपक्षीय बातचीत से ही संभव है।
This 60 second video will let you know exactly what’s going on between Cambodia and Thailand and why they are at War
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---विज्ञापन---— Culture War Report (@CultureWar2020) July 24, 2025
इसलिए छिड़ा है दोनों देशों में विवाद
बता दें कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच छिड़ा सीमा विवाद जुलाई 2025 में फिर से भड़क गया और विवाद मुख्य रूप से प्रीह विहार मंदिर और इसके आसपास के 4.6 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को लेकर है। यह मंदिर 9वीं-12वीं सदी का हिंदू-बौद्ध मंदिर है, जो डांग्रेक पर्वत श्रृंखला पर दोनों देशों की सीमा पर स्थित है। वर्ष 1907 में हुई फ्रेंको-सियामी संधि के अनुसार, फ्रांसीसी इंडोचाइना (जिसमें कंबोडिया शामिल था) और सियाम (वर्तमान थाईलैंड) के बीच सीमा का निर्धारण हुआ था। संधि के तहत बने मैप में प्रीह विहार मंदिर को कंबोडिया में दिखाया गया, लेकिन थाईलैंड का दावा है कि मंदिर और आसपास का क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से थाईलैंड का हिस्सा था।
कोर्ट तक पहुंचा था विवाद?
बता दें कि वर्ष 1959 में कंबोडिया ने मंदिर के विवाद को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में उठाया था। 3 साल चली सुनवाई के बाद 1962 में ICJ ने फैसला सुनाया कि मंदिर कंबोडिया के क्षेत्र में है तो यह कंबोडिया का है। इस फैसले को थाईलैंड ने भी स्वीकार किया था, लेकिन मंदिर के आस-पास की जमीन पर विवाद खत्म नहीं हुआ। साल 2008 में कंबोडिया ने प्रीह विहार मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर के रूप में रजिस्टर कराने का प्रयास किया तो थाईलैंड ने विरोध किया। विरोध के चलते दोनों देशों के बीच सैन्य झड़पें हुईं। साल 2011 में इन झड़पों में 42 लोगों की मौत हुई थी।
Oh wow, Cambodia and Thailand seem to be serious about this whole war thing. Cambodia is of course responsible for the biggest genocide since WWII while Thailand is the country of smiles. I’m sure progressives will rush to Cambodia’s side any minute now… pic.twitter.com/buHcVy3mGP
— Uri Kurlianchik (@VerminusM) July 24, 2025
ताजा विवाद की वजह क्या?
मई 2025 में थाईलैंड और कंबोडिया में हुई झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। जुलाई में थाईलैंड में बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट में सैनिक घायल हुए। थाईलैंड ने आरोप लगाया कि कंबोडिया ने नई बारूदी सुरंगें बिछाई हैं, जबकि कंबोडिया ने इसे खमेर रूज युग की पुरानी सुरंगों में विस्फोट बताया। विवाद बढ़ा और 24 जुलाई 2025 को दोनों देशों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया। कंबोडिया ने दावा किया कि थाईलैंड के सैनिकों ने पहले हमला किया, जबकि थाईलैंड ने कंबोडिया के सैनिकों पर जबरन थाईलैंड में घुसने का आरोप लगाया।
हमले से क्या असर पड़ा?
थाईलैंड ने F-16 लड़ाकू विमानों से कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। कंबोडिया ने जवाब में BM-21 रॉकेट लॉन्चर से हमला किया। हिंसा में अब तक करीब 25 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 1.3 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। थाईलैंड के सीमा से सटे 2 राज्यों में मार्शल लॉ लागू है। 6 नेशनल पार्क थाईलैंड बंद कर चुका है। कई देशों ने अपने नागरिकों को थाईलैंड और कंबोडिया की यात्रा से बचने की सलाह दी है। दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों को कम कर दिया है। थाईलैंड ने कंबोडियाई राजदूत को निष्कासित कर दिया। कंबोडिया ने अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया।
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क्या है वर्तमान स्थिति?
चीन ने मध्यस्थता करने का ऑफर दिया है। वह दोनों देशों से बातचीत करके विवाद का समाधान निकालने को तैयार है। आसियान देशों से भी मध्यस्थता की उम्मीद की जा रही है। थाईलैंड के अमेरिका से करीबी संबंध विवाद को भू-राजनीतिक रंग दे सकते हैं। कंबोडिया ने विवाद को फिर से ICJ में ले जाने का फैसला किया है, जबकि थाईलैंड द्विपक्षीय वार्ता और संयुक्त सीमा आयोग (JBC) के जरिए समाधान चाहता है।