करोड़ों लोग भूखे मर रहे हैं, हजारों करोड़ का कर्जा दुनिया का चुकाना है, भारत ने सिंधु जल संधि खत्म करके पानी रोक दिया है। आयात निर्यात बंद करके बुनियादी जरूरत को पूरी करने वाली चीजें रोक दी। सिर्फ 3 महीने का खाना-पानी खरीदने का पैसा बचा है। भूखमरी के मामले में टॉप 100 देशों में शामिल है। भारत के साथ तनाव बढ़ने के कारण दुनियाभर के देश भी साथ छोड़ रहे हैं। टूरिज्म सेक्टर, बिजनेस सेक्टर, स्पोर्ट्स सेक्टर, इंडस्ट्रीज ठप हैं। पॉलिटिकिल क्राइसिस अलग से है।
आतंकी हमले के डर से कोई देश पाकिस्तान में अपने नागरिकों को भेजना नहीं चाहता। बाढ़, कंगाली, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक संकट, वैश्विक अनदेखी की मार झेल रहा पाकिस्तान किस दम पर भारत से पंगा लेने की कोशिश कर रहा है? क्या पाकिस्तान ने सोचा है कि भारत के साथ जंग छिड़ी तो देश का हाल क्या होगा? पाकिस्तान IMF से 1.3 बिलियन डॉलर का कर्ज मांग चुका है। आइए जानते हैं कि पाकिस्तान कितना कंगाल है? पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और खाद्य सुरक्षा कैसी है?
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3 महीने का आयात करने के लिए बचा पैसा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 तक पाकिस्तान के पास 15.25 बिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार हैं, जिससे केवल 3 महीने का खाना-पानी खरीदा जा सकता है। अगले 12 महीनों में पाकिस्तान को 30 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है। पाकिस्तान भारी विदेशी कर्ज और खतरनाक रूप से कम विदेशी मुद्रा भंडार से त्रस्त है। 2024 में पाकिस्तान का विदेशी कर्ज 130 बिलियन डॉलर से अधिक था। पाकिस्तान में मौजूदा खाद्य सामग्री की मात्रा के आंकड़े समय-समय पर बदलते रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन या विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) समय-समय पर आंकड़े जारी करते हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार…
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कृषि उत्पादन और खाद्य सुरक्षा
पाकिस्तान कृषि-प्रधान देश है। लोग गेहूं, चावल, मक्का, गन्ना और दालें जैसे खाद्य पदार्थ उगाते हैं। गेहूं देश का मुख्य खाद्य पदार्थ है। 2024 में पाकिस्तान में गेहूं का उत्पादन 31.4 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) था। 2025 में सर्दियों में सूखे के कारण गेहूं उत्पादन में 11-35% की कमी आई, जिससे उत्पादन 27.9 MMT तक गिर सकता है। चावल का उत्पादन भी महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान दुनिया के प्रमुख चावल निर्यातक देशों में से एक है। साल 2023-24 में पाकिस्तान में चावल का उत्पादन लगभग 9-10 मिलियन टन अनुमानित था, लेकिन साल 2025-26 में उत्पादन कम होने से घाटा उठाना पड़ सकता है। खेतों की सिंचाई के लिए पाकिस्तान सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर निर्भर करता है। अब जब भारत ने सिंधु जल संधि तोड़ दी है तो पाकिस्तान सूखे का संकट का झेल सकता है।
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खाद्य असुरक्षा
पाकिस्तान खाद्य असुरक्षा भी झेल रहा है। 1.1 करोड़ लोग खाद्य असुरक्षा और भूखमरी के संकट से जूझ रहे हैं, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लोग भूखमरी से त्रस्त हैं। बाढ़, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक संकट ने हालात और खराब कर दिए हैं। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में पाकिस्तान 99वें स्थान पर था।
महंगाई की मार
पाकिस्तान आर्थिक संकट, भूखमरी और वैश्विक अनदेखी के साथ-साथ महंगाई की मार भी झेल रहा है। पाकिस्तान में खाद्य पदार्थों की कीमतें हाल ही के वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं। जैसे साल 2023 में भिंडी 460 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलो, गोभी 250 रुपये प्रति किलो बिक रही थी। साल 2024 में आलू (99 PKR/किलो), प्याज (185 PKR/किलो), टमाटर (189 PKR/किलो), और लहसुन (650 PKR/किलो) बिक रहा था।