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भारत के एक्शन से बांग्लादेश को लगी मिर्ची, भारतीय नागरिकों के लिए वीजा सर्विस पर लगाई रोक

उच्चायोग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अनिवार्य परिस्थितियों के कारण नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग सभी वीजा और वाणिज्यिक सेवाएं अगली सूचना तक अस्थायी रूप से निलंबित करता है. इससे होने वाली असुविधा के लिए हम खेद प्रकट करते हैं.

Author Written By: Akarsh Shukla Updated: Dec 22, 2025 21:47

भारत और बांग्लादेश के बीच हाल के दिनों में बढ़ते राजनीतिक तनाव ने अब कूटनीतिक संबंधों को भी प्रभावित कर दिया है. सोमवार को बांग्लादेश उच्चायोग ने अचानक घोषणा की कि वह भारत के नागरिकों के लिए सभी वीज़ा और वाणिज्यिक सेवाओं को अगले आदेश तक सस्पेंड कर रहा है. उच्चायोग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अनिवार्य परिस्थितियों के कारण नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग सभी वीजा और वाणिज्यिक सेवाएं अगली सूचना तक अस्थायी रूप से निलंबित करता है. इससे होने वाली असुविधा के लिए हम खेद प्रकट करते हैं.

‘टिट फॉर टैट’ फैसला


यह फैसला भारत की उस कार्रवाई के बाद आया है जिसमें चटगांव स्थित भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्र (IVAC) ने सुरक्षा कारणों से रविवार को अपनी वीज़ा सेवाएं रोक दी थीं. वहां हाल ही में बांग्लादेश के चर्चित युवा नेता शरीफ उसमान हादी की मौत के बाद हिंसा भड़क उठी थी. हादी वही नेता थे जिन्होंने पिछले साल शेख हसीना सरकार के खिलाफ चले जन आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी, जिसके परिणामस्वरूप हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी.

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भारतीय नीतियों के खिलाफ नारेबाजी


सरकारी सूत्रों के अनुसार, चटगांव में भारतीय मिशन के बाहर कई प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए थे जिन्होंने भारतीय नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की. कुछ समूहों ने यह तक कहा कि अन्याय का बदला खून से लिया जाएगा और चेतावनी दी कि आवश्यकता पड़ी तो हथियार उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हाल ही में हुई सुरक्षा घटना के कारण चटगांव वीज़ा केंद्र की सेवाएं फिलहाल बंद रहेंगी. हालांकि, अन्य केंद्रों पर सामान्य रूप से वीजा जारी किए जा रहे हैं.

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भारत के लिए बुरी खबर!


उधर, नई दिल्ली में बांग्लादेश के प्रतिशोधात्मक कदम को दोनों देशों के बीच बढ़ती खाई का संकेत माना जा रहा है. पिछले सप्ताह संसद की विदेश मामलों की कांग्रेस सांसद शशि थरूर अध्यक्षता वाली स्थायी समिति ने चेताया था कि बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक और सामाजिक बदलाव भारत के लिए 1971 के बाद का सबसे बड़ा सामरिक संकट साबित हो सकते हैं.

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First published on: Dec 22, 2025 09:40 PM

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