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अब केले को लेकर नई टेंशन! कीमतें छुएंगी आसमान, Experts ने बताई वजह

Impact Of Temperature Rise On Banana Prices: क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग का असर यूं तो कई जगह देखने को मिला है। लेकिन अब इसका असर बड़ी संख्या में लोगों के पसंदीदा फल केले पर भी पड़ने वाला है। विशेषज्ञों का मानना है कि तापमान में इजाफा होने से केले की कीमतें भी बढ़ेंगी। बता दें कि केला दुनिया में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट किया जाने वाला फल है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Mar 12, 2024 10:45
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Banana prices to go up as temperatures rise
Representative Image (Pixabay)

Impact Of Temperature Rise On Banana Prices : क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन का असर जल्द ही केले की कीमतों पर भी पड़ता दिखाई देगा। विशेषज्ञों का कहना है कि क्लाइमेट चेंज, लोगों के बीच बेहद पसंदीदा इस फल की सप्लाई में बड़ी बाधा बन सकता है। यह दुनिया का सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट किया जाने वाला फल है। लेकिन, इस सेक्टर पर जलवायु परिवर्तन की वजह से महंगाई की चपेट में आने का संकट मंडरा रहा है। इस चुनौती को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन की ओर से रोम में 12 और 13 मार्च को वर्ल्ड बनाना फोरम का आयोजन किया जा रहा है।

वर्ल्ड बनाना फोरम के वरिष्ठ अर्थशास्त्री पास्कल लियू का कहना है कि क्लाइमेट चेंज केले की सप्लाई के लिए गंभीर खतरा बन गया है। बता दें कि हाल ही में यूनाइटेड किंगडम (यूके) की कुछ दुकानों में समुद्री तूफान की वजह से केले की कमी हो गई थी। यूके अकेले ही हर साल 500 करोड़ केले आयात करता है। इनमें से 90 प्रतिशत केलों की बिक्री बड़ी सुपरमार्केट्स के जरिए होती है। पिछले सप्ताह यूके की कई सुपरमार्केट्स से केला गायब हो गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि बनाना सेक्टर के लिए क्लाइमेट चेंज इस समय बहुत बड़ा खतरा बन गया है। साथ ही आने वाले समय में यह खतरा और गंभीर होने वाला है।

Banana Farming

बड़े मौसमी संकट से आएगी दिक्कत

यूके में जिस कारण से केले की कमी हुई वह एक छोटी मौसमी घटना है। एक्सपर्ट इसलिए चिंता में हैं कि अगर इतने में भी केले की सप्लाई में समस्या आ सकती है तो बढ़ते तापमान के चलते बड़े संकट आने पर क्या स्थिति होगी। पास्कल लियू का मानना है कि बनाना सेक्टर के लिए क्लाइमेट चेंज एक बड़ा खतरा है। बता दें कि केले के पेड़ तापमान के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। तापमान में इजाफा कई जगहों पर पूरी की पूरी फसल बर्बाद कर सकता है। इसके अलावा बढ़ता तापमान ऐसी बीमारियों का फैलना भी आसान कर रहा है, जो केले के पेड़ों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। ये बीमारियां कई देशों में तेजी से फैली हैं।

संकट का सबब बना फंगल इंफेक्शन

इन बीमारियों में सबसे ज्यादा फ्यूसेरियम विल्ट टीआर4 (Fusarium Wilt TR4) नाम के फंगल इंफेक्शन को लेकर चिंता है। यह संक्रमण अफ्रीका से ऑस्ट्रेलिया और एशिया में पहले ही पहुंच गया था और अब दक्षिण अमेरिका में भी पहुंच चुका है। रिपोर्ट्स के अनुसार केले की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली वेरायटी कैवेंडिश (Cavendish) पर भी इस फंगल इंफेक्शन की वजह से म्यूटेशन होने का खतरा बन गया है। यह संक्रमण तेज हवाओं और बाढ़ के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच सकता है और नुकसान पहुंचा सकता है। सामान्य मौसमी पैटर्न की तुलना में इस तरह की बीमारियां और तेजी से फैल सकती हैं।

Banana Trees

सप्लाई नहीं बढ़ी तो कीमत बढ़नी तय

इसके अलावा केले की खेती करने वाले किसान खाद, एनर्जी और ट्रांसपोर्ट की बढ़ती कीमतों की वजह से भी दबाव में हैं। उन्हें काम करने के लिए पर्याप्त लोग भी नहीं मिल रहे हैं। पास्कल लियू का कहना है कि इन सब बातों को देखते हुए केले की कीमतों में कुछ इजाफा होना तय है। उन्होंने कहा कि अगर केले की आपूर्ति में बड़ी बढ़ोतरी नहीं होती है तो मेरा अनुमान है कि आने वाले वर्षों में केले की कीमतें तुलनात्मक रूप से ज्यादा हो जाएगी। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर वर्ल्ड बनाना फोरम में विचार-विमर्श किया जाएगा। सप्लाई पर क्लाइमेट चेंज के असर से यूके के साथ-साध बाकी जगहों पर भी केले की कीमत में इजाफा होगा।

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First published on: Mar 12, 2024 10:45 AM

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